बेंगलुरु: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को जी20 देशों से वित्तीय स्थिरता के प्रति उत्पन्न होने वाले खतरों और ऋण संकट जैसी वैश्विक अर्थव्यवस्था के सामने आने वाली चुनौतियों का दृढ़ता से समाधान करने का आह्वान किया.
जी20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए दास ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए परिदृश्य हाल के महीनों में बेहतर हुआ है और अब अधिक आशावाद है कि दुनिया एक गहरी मंदी से बच सकती है और उसे केवल धीमी वृद्धि या नरम मंदी का सामना करना पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि फिर भी हमारे सामने अनिश्चितताएं हैं.
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि हमें अपने सामने मौजूद चुनौतियों का मिलकर और दृढ़ता से सामना करना होगा, इन चुनौतियों में कुछ मध्यम अवधि से लेकर लंबे समय तक टिकने वाली हैं जिनमें वित्त स्थिरता के लिए जोखिम, कर्ज संकट, जलवायु वित्त, वैश्विक व्यापार में आए व्यवधान और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं पर दबाव पड़ना शामिल है.
देश विशेष की जरूरतों और परिस्थितियों का भी खयाल रखा जाएगा:
उन्होंने कहा कि हमें व्यापक वैश्विक आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना होगा और वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत, टिकाऊ, संतुलित तथा समावेशी वृद्धि के मार्ग पर बढ़ाना होगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उद्घाटन सत्र में कहा कि 2023 में भारत की अध्यक्षता में जी20 में जो संवाद होगा वह सबसे कठिन वैश्विक चुनौतियों के लिए पूर्ण समाधानों की तलाश पर केंद्रित होगा. सीतारमण ने कहा कि जी20 अपने सदस्यों की पूरक ताकतों का फायदा उठाकर दुनियाभर के लोगों की जिंदगियों को बदल सकता है, जिसमें देश विशेष की जरूरतों और परिस्थितियों का भी खयाल रखा जाएगा. यह नए विचारों का पोषण कर सकता है.