पणजी : गोवा के विपक्षी दलों ने बृहस्पतिवार को राज्य विधानसभा में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के संबोधन का बहिष्कार किया और सवाल उठाया कि वह कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को मानहानि के एक मामले में संसद की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के मुद्दे पर अपना पक्ष रखने का मौका क्यों नहीं दे रहे हैं.
बिरला ने आज सुबह ‘विकसित भारत 2047’ विषय पर गोवा विधानसभा के सदस्यों को संबोधित किया. समारोह में विधानसभा अध्यक्ष रमेश तावडकर, मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और सत्ताधारी दल के अन्य सदस्य मौजूद थे. भाजपा के सहयोगी दल भी इसमें शामिल हुए. हालांकि, विपक्षी कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) और रिवोल्यूशनरी गोवा पार्टी (आरजीपी) के सदस्यों ने इसका बहिष्कार किया.
पक्ष रखने का मौका नहीं देने के लिए बिरला का किया विरोध:
विपक्ष के नेता यूरी अलेमाओ ने कहा कि पूरे विपक्ष ने सांकेतिक विरोध के रूप में इस आयोजन से खुद को अलग करने का फैसला किया है. विधानसभा परिसर के प्रवेश द्वार पर अलेमाओ ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को ‘मोदी उपनाम’ वाली टिप्पणी से जुड़े 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में लोकसभा में खुद का पक्ष रखने का मौका नहीं देने के लिए बिरला का विरोध किया.
उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ने हमारे नेता राहुल गांधी का पक्ष नहीं सुना। इसलिए, अपने नेता के सम्मान में हमने आज के विधानसभा समारोह से दूर रहने का फैसला किया. सोर्स भाषा