जैसलमेर: जैसलमेर जिले में पर्यटन सीजन का आगाज हो चुका है. पिछले 2 सालों से कोरोना की मार झेल चुके पर्यटन से जुड़े लोगों में इस बार काफी खुशी है. जैसलमेर में विदेशी सैलानियों की चहल-पहल से लोगों को 2 साल बाद विदेशी चेहरे देखने को मिल रहे हैं. जैसलमेर के पर्यटन स्थलों पर विदेशी सैलानियों के कदमों की आहट होने से पर्यटन सीजन के बढ़िया गुजरने के आसार नजर आने लगे हैं. पर्यटन व्यवसायियों को भी उम्मीद जगी है कि 2 साल की फाकामस्ती के बाद अब उनके भी दिन फिरेंगे.
दरअसल इन दिनों स्पेन और इटली में होलिडेज है. इन होलिडेज में कई विदेशी मेहमान अपने घरों से बाहर निकले हैं और भारत आए हैं. इनमें से कई लोगों ने जैसलमेर की तरफ रुख किया है. जैसलमेर में 2 साल के कोरोना काल के बाद अब पर्यटन सीजन के बढ़िया निकलने की उम्मीद लगाए बैठे लोगों में काफी खुशी देखी जा रही है. जैसलमेर के पर्यटन स्थलों पर इन दिनों विदेशी सैलानियों की रेलम पेल देखी जा रही है. जैसलमेर के पीले पत्थरों से बनी हवेलिया, किले और नक्काशी दार डिजाइन विदेशियों को बहुत ज्यादा आकर्षित करते हैं. सोनार किला, गड़ीसर लेक, पटवा हवेली सभी जगह पर इन दिनों विदेशी सैलानियों की भरमार है.
स्पेन और इटली के साथ इजराइल से जैसलमेर घूमने आए विदेशी सैलानियों ने बताया कि कोरोना में हम लोग ज्यादातर घरों में ही कैद रहे. वर्क फॉर होम से ही सब ने काम किया. भारत जैसे देश में घूमना अपने आप में बहुत ही खूबसूरत एक्सपीरिएंस है. सैलानियों ने बताया कि जैसलमेर बहुत ही खूबसूरत सिटी है यहां के लोग, खाना, म्यूजिक आदि सब उनको पसंद आ रहा है. वे हर बार यहां आना चाहते हैं. उन्होंने बताया कि जैसलमेर का पीला पत्थर उनको अपनी तरफ खींचता है. पत्थर पर किया हुआ बारीक काम उनको बहुत आकर्षित करता है. यहां का हैंडीक्राफ्ट आदि बहुत सी चीजें है जो जैसलमेर की खूबसूरती को बढ़ाती है. विदेशी सैलानियों ने बताया कि वे हर बार यहां आना चाहते हैं और सबको कहते हैं कि जीवन में एक बार यहां जरूर होकर जाए. ये जीवन का सबसे अनोखा अनुभव होगा.
पर्यटन गाइड महेंद्र सिंह तंवर ने कहा कि जैसलमेर में कोरोना के बाद विदेशी सैलानियों के आने से पर्यटन बिजनेस से जुड़े लोगों में काफी खुशी है. 2 साल बाद विदेशी सैलानियों के चेहरे नजर आने से सबके चेहरों में मुस्कान लौट आई है. दरअसल, विदेशी सैलानियों की आवक से खरीदारी भी बढ़ती है. जिससे सभी लोगों को बिजनेस मिलता है. होटल से लेकर रिसोर्ट और ऊंट वाला भी पैसा कमाता है. इस तरह विदेशी सैलानियों से जैसलमेर के पर्यटन को बूस्ट मिलता है. उन्होंने बताया कि हम लोग दुआ करते हैं कि साल भर ऐसा ही बना रहे ताकि 2 साल के भारी नुकसान को कवर किया जा सके.