नई दिल्ली: महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को कहा कि सरकार तीन से छह वर्ष के बच्चों के लिए ग्रामीण बाल देखभाल केन्द्रों को शिक्षा के गढ़ में तब्दील करने के मकसद से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रारम्भिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा (ईसीसीई) के तहत प्रशिक्षण दे रही है. केन्द्रीय मंत्री ने ईसीसीई के ‘पोषण भी पढ़ाई भी’ नामक अनुखंड (मॉड्यूल) की शुरुआत के दौरान प्रशिक्षण कार्यक्रम पर चर्चा की और कहा कि उनके मंत्रालय ने एक ईसीसीई कार्य बल का गठन किया है,
जिसने इस वर्ष अपनी रिपोर्ट पेश की. ईरानी ने कहा,‘‘ इसकी अनुशंसाओं में तीन दिन के व्यक्तिगत प्रशिक्षण के जरिए क्षमता निर्माण,पुन: प्रशिक्षण आदि शामिल हैं. उन्होंने कहा,‘‘ राज्य स्तरीय योजना एवं निगरानी के साथ ही इसमें पोषण 2.0 के तहत मासिक ईसीसीई दिवसों तथा अन्य गतिविधियों के जरिए एक जन आंदोलन में सामुदायिक साझेदारी की भी मांग की गई है. संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की व्याख्या के अनुसार ईसीसीई ‘‘किसी बच्चे के सामाजिक, भावनात्मक, ज्ञान संबंधी जरूरतों का समग्र विकास करता है ताकि ताउम्र शिक्षण एवं कुशल क्षेम की व्यापक तथा मजबूत नींव रखी जा सके.
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि ईसीसीई सामग्री को 2013 में भी भेजा गया था लेकिन उस वक्त आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को कोई प्रशिक्षण नहीं दिया गया. उन्होंने बताया कि पूरे प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए 600 करोड़ रुपये आवंटित किया जाना प्रस्तावित है. केन्द्रीय मंत्री के अनुसार पूरी कवायद का मकसद आंगनवाड़ी केन्द्रों को केवल पोषण का केन्द्र भर बनाना नहीं बल्कि शिक्षा देने वाले केन्द्र बनाना भी है. सोर्स- भाषा