जयपुर: PCC चीफ गोविंद डोटासरा ने शिक्षा मंत्री पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि सभी स्कूल भवनों की मरम्मत संभव नहीं है. मैं अपनी जेब से पैसा नहीं दे सकता. शिक्षा मंत्री का यह बयान ना सिर्फ शर्मनाक बल्कि संवेदनहीनता की पराकाष्ठा. शिक्षा मंत्री के इस गैर-जिम्मेदाराना बयान से स्पष्ट है ना तो वो इस हादसे से सबक लेना चाहते हैं ना ही सरकार खोखले सिस्टम में सुधार लाना चाहती है.
क्या नैतिक जिम्मेदारी और जांच के जुमले देकर मां की गोद उजाड़ने वाले जिम्मेदार बच जाएंगे? शिक्षा मंत्री अगर वाकई नैतिक जिम्मेदारी लेते तो अब तक इस्तीफा दे चुके होते. न कि माला पहनकर शर्मनाक बयानबाजी करते.
इससे पहले शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बयान देते हुए कहा कि पिछली बार 80 करोड़ दिए थे इस बार 175 करोड़ रु.जारी किए गए. कोई घर का काम तो है नहीं जो रातों रात जेब से निकाल करके दे दें. सरकारी प्रक्रिया में समय लगता है. हमने 2000 विद्यालयों का चयन किया, काम प्रक्रिया से ही होगा.