Guru Asta 2023: मीन राशि में अस्त हुए देवगुरु बृहस्पति, एक महीने तक इन राशियों को रहना होगा सावधान

जयपुर: ज्योतिषीय गणना के मुताबिक सूर्य के पास तकरीबन 11 डिग्री पर आने से बृहस्पति अस्त हो जाता है. देवगुरु बृहस्पति धर्म और मांगलिक कामों का कारक ग्रह है. इस कारण गुरु अस्त होने पर मांगलिक काम नहीं किए जाते हैं. ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस बार 31 मार्च से 29 अप्रैल तक गुरु अस्त रहेगा. इन 29 दिनों तक शादी और अन्य मांगलिक कामों के लिए मुहूर्त नहीं होंगे. गुरु 31 मार्च को मीन राशि में दोपहर 4:26 मिनट पर अस्त हो गया है और इस अवस्था में गुरु 29 अप्रैल तक रहने वाले हैं. इसी दौरान गुरु 22 अप्रैल को मेष राशि में गोचर कर जाएंगे. ज्योतिषशास्त्र के अनुसार गुरु के अस्त होने पर शुभ व मांगलिक कार्यों को करने से परहेज किया जाता है क्योंकि किसी भी शुभ कार्य में गुरु का उदित होना जरूरी माना जाता है. भाग्य, संतान, विवाह, धन आदि के कारक ग्रह गुरु का अस्त होना कई राशियों के लिए बंद भाग्य के दरवाजे खोलेगा तो कुछ राशियों को उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है. 

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह को गुरु कहा जाता है. यह धनु और मीन राशि के स्वामी होते हैं और कर्क इसकी उच्च राशि है जबकि मकर इनकी नीच राशि मानी जाती है. गुरु ज्ञान, शिक्षक, संतान, बड़े भाई, शिक्षा, धार्मिक कार्य, पवित्र स्थल, धन, दान, पुण्य और वृद्धि आदि के कारक माने जाते हैं. ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह 27 नक्षत्रों में पुनर्वसु, विशाखा, और पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र के स्वामी होते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस व्यक्ति पर बृहस्पति ग्रह की कृपा बरसती है उस व्यक्ति के अंदर सात्विक गुणों का विकास होता है. इसके प्रभाव से व्यक्ति सत्य के मार्ग पर चलता है.

सूर्य के राशि परिवर्तन के 16 दिन बाद गुरु अस्त:
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि बुधवार 15 मार्च को सुबह करीबन 6.47 पर सूर्य ने देवगुरु बृहस्पति की राशि मीन में प्रवेश कर लिया है. इस राशि में पहले से ही बृहस्पति मौजूद है. सूर्य के राशि बदलने के 16 दिन बाद बृहस्पति अस्त हो गया है. जो कि अप्रैल के 29 दिनों तक अस्त ही रहेगा.

नहीं होंगे मांगलिक कार्यक्रम:
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि गुरु 31 मार्च को मीन राशि में दोपहर 4:26 मिनट पर अस्त हो गया है. ज्योतिष में गुरु ग्रह को संपन्नता, विवाह, वैभव, विवेक, धार्मिक कार्य आदि का कारक माना जाता है इसलिए इनका अस्त होना शुभ नहीं माना जाता. इसलिए गुरु ग्रह जब अस्त होते हैं तब शुभ-मांगलिक कार्यों को करने की भी मनाही होती है, इस दौरान शादी, मुंडन, नामकरण जैसे संस्कार नहीं किये जाते. मतलब 31 मार्च से 29 अप्रैल तक कोई धार्मिक और मांगलिक कार्यक्रम नहीं हो सकेंगे.

2 मई से मुहूर्त:
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि गुरु के अस्त हो जाने से अब पूरे अप्रैल में शादी, सगाई और गृह प्रवेश सहित किसी भी मांगलिक काम के लिए मुहूर्त नहीं रहेगा. हालांकि 29 अप्रैल को गुरु उदय हो जाएगा, लेकिन शादी-सगाई के मुहूर्त 2 मई और गृह प्रवेश के मुहूर्त 3 मई से शुरू होंगे.

सूर्य और गुरु का एक दूसरे की राशि में प्रवेश:
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि वैदिक ज्योतिष में गुरु को शुभ कामों का प्रतिनिधि ग्रह माना गया है. सूर्य जब गुरु की राशि धनु और मीन में आता है तो इससे गुरु निस्तेज हो जाता है. इससे इस ग्रह का प्रभाव बहुत ही कम हो जाता है. शुभ कामों के लिए गुरु का मजबूत स्थिति में होना बहुत जरूरी है. ये ही वजह है कि 31 मार्च से 29 अप्रैल तक शुभ कामों की मनाही रहती है. खासतौर से शादियां तो बिल्कुल नहीं की जाती. इसकी वजह ये है कि शादी के लिए सूर्य और गुरु दोनों ग्रहों का मजबूत होना जरूरी है. साथ ही तकरीबन 12 साल में एक बार जब बृहस्पति सूर्य की राशि सिंह में आता है तो भी मांगलिक नहीं करने चाहिए.

करें उपाय: 
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि गुरु के प्रतिकूल प्रभावों से बचने के लिए गुरु से संबंधित उपाय करने चाहिए. जैसे पीले वस्त्र आपको पहनने चाहिए या पीली वस्तुओं का दान करना चाहिए. गुरुजनों का सम्मान करना चाहिए हो सके तो इस दौरान प्रतिदिन आप योग ध्यान करें. इसके साथ ही केले के वृक्ष की पूजा करने से भी आपको लाभ मिल सकते हैं. बड़े फैसले अनुभवी लोगों से विचार करके लें.

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास से जानते हैं गुरु अस्त होने का सभी 12 राशियों पर प्रभाव...

मेष राशि: गुरु आपकी राशि से 12वें भाव में अस्त होने वाले हैं और इस दौरान आपको मिले जुले परिणाम प्राप्त हो सकते हैं. गुरु के अस्त होने से धर्म कर्म के कार्यों में आपका मन लगेगा. माता-पिता के साथ तीर्थ यात्रा पर जाने की योजना बनेगी. 

वृषभ राशि: गुरु आपकी राशि से 11वें स्थान पर अस्त होने वाले हैं. इस दौरान आपके घरेलू खर्च बढ़ सकते हैं इसलिए बेवजह के खर्चों पर नियंत्रण रखें . अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना होगा. अगर कहीं से धन आ रहा है को उसमें थोड़ा विलंब हो सकता है.

मिथुन राशि: गुरु आपकी राशि से 10वें भाव में अस्त होने वाले हैं. सामाजिक कार्यों को करने से आपका सम्मान बढ़ेगा और सामाजिक दायरा भी बढ़ेगा, जो भविष्य में आपके लिए फायदेमंद साबित होगा. सफलता अवश्य मिलेगी.

कर्क राशि: गुरु आपकी राशि से नौवें भाव में अस्त होने वाले हैं. अगर आप इस समय किसी यात्रा पर जाने की योजना बना रहे हैं तो फिलहाल के लिए उसे टाल दें. थोड़ा संभलकर कार्य करने की आवश्यकता है.

सिंह राशि: गुरु आपकी राशि से आठवें भाव में अस्त होने वाले हैं. इस दौरान अचानक आने वाली समस्याओं में कमी आएगी और व्यापार में अच्छी उन्नति होगी. बच्चों का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा. रिश्तों में मजबूती आएगी. 

कन्या राशि: गुरु आपकी राशि से सातवें भाव में अस्त होने वाले हैं. जीवनसाथी के साथ आपके रिश्ते अच्छे रहेंगे और कोई खुशखबरी भी प्राप्त हो सकती है. अगर आपका किसी से वाद-विवाद चल रहा है तो वह खत्म हो जाएगा. अच्छा लाभ होगा . 

तुला राशि: गुरु आपकी राशि से छठवें भाव में अस्त होने वाले हैं. धार्मिक कार्यों में आपका मन लगेगा और आध्यात्मिक गतिविधियों में आपकी रुचि बढ़ेगी. अति आत्मविश्वासी होने से बचना होगा और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा.

वृश्चिक राशि: गुरु आपकी राशि से पांचवें भाव में अस्त होने वाले हैं. इस दौरान प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है लेकिन गुरुजनों का सहयोग भी मिलता रहेगा.  परिवार के किसी सदस्य के साथ आपके संबंध उतार-चढ़ाव वाले रहेंगे.

धनु राशि: गुरु आपकी राशि से चौथे स्थान पर अस्त होने वाले हैं. इस दौरान अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और कहीं निवेश की योजना बना रहे हैं तो उसे कुछ समय के लिए टाल दें. सरकारी नौकरी करने वाले जातक अपने काम पर ध्यान दें अन्यथा किसी मुसीबत में फंस सकते हैं. माता या पिता के साथ किसी बात टकराव हो सकता है. 

मकर राशि: गुरु आपकी राशि से तीसरे स्थान पर अस्त होने वाले हैं. इस दौरान आपके आत्मविश्वास और साहस में कुछ कमी आ सकती है. जीवनसाथी के साथ किसी गलतफहमी की वजह से विवाद हो सकता है. मकर राशि वालों को इस अवधि में थोड़ा संभलकर कार्य करने की आवश्यकता है. 

कुंभ राशि: गुरु आपकी राशि से दूसरे स्थान पर अस्त होने वाले हैं. बड़ा नुकसान हो सकता है. इस अवधि में परिवार के किसी सदस्य के कार्य की वजह से भागदौड़ करनी पड़ सकती है. आपके लिए इस दौरान बेहतर होगा कि अपने शब्दों का चयन सोच समझकर करें अन्यथा किसी विवाद में फंस सकते हैं

मीन राशि: गुरु आपकी राशि के लग्न भाव अर्थात पहले स्थान पर अस्त होने वाले हैं. कार्यक्षेत्र में आप अच्छे से काम करेंगे और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संबंध बेहतर होंगे. हालांकि इस दौरान आप कहीं भी निवेश करने से बचें और परिवार के सदस्यों का ध्यान रखें.