Guru Vakri 2023: आज से देवगुरु बृहस्पति चलेंगे उल्टी चाल, इन राशियों की होगी बल्ले-बल्ले

जयपुर: हिंदू ज्योतिष में गुरु ग्रह को सबसे प्रभावकारी ग्रह माना गया है. ऐसा माना जाता है कि बृहस्पति ग्रह किसी जातक के जीवन में सुख, सौभाग्य और यश के कारक को प्रभावित करते हैं. हिंदू पंचांग के मुताबिक, गुरु ग्रह 04 सितंबर को मेष राशि में वक्री होंगे. ज्योतिषाचार्य डॉ अनीष व्यास ने बताया कि देवगुरु बृहस्पति 4 सितंबर को शाम 7:40 पर मेष राशि में वक्री होंगे और 31 दिसंबर को सुबह 8:10 पर मार्गी होंगे. ज्योतिष के मुताबिक 27 नक्षत्रों में पुनर्वसु, विशाखा, और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का स्वामित्व गुरु ग्रह को प्राप्त है. बृहस्पति धनु और मीन के स्वामी हैं, जो ज्ञान, बुद्धि, विस्तार, आध्यात्मिकता, शिक्षा, धन, धर्म, आध्यात्मिक प्रगति, शिक्षक और गुरु के कारक हैं. 

ज्योतिषाचार्य डॉ अनीष व्यास ने बताया कि वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी ग्रह एक निश्चित अंतराल पर राशि परिवर्तन करते हैं. इसके अलावा ग्रह मार्गी और वक्री चाल से चलते हुए भी अपना स्थान परिवर्तन करते हैं. जब भी ग्रहों का राशि परिवर्तन या चाल में बदलाव होता है तो सभी राशि के जातकों के ऊपर इसका सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. वैदिक ज्योतिष शास्त्र में गुरु ग्रह को शुभ और सात्विक ग्रह माना जाता है. गुरु ग्रह को वैभव, ज्ञान, शिक्षा, ऐश्वर्य और समृद्धि  का कारक ग्रह माना जाता है. ऐसे में जब भी गुरु ग्रह अपनी चाल में बदलाव करते हैं इसका व्यापक प्रभाव व्यक्तियों के जीवन पर जरूर पड़ता है. आपको बता दें कि गुरु ग्रह 4 सितंबर 2023 को वक्री होने जा रहे हैं. गुरु के वक्री होने से सभी राशियों पर शुभ-अशुभ प्रभाव जरूर पड़ेगा. गुरु ग्रह के मेष राशि में रहते हुए वक्री होना कुछ राशि के जातकों को धन का लाभ, करियर में तरक्की और कारोबार में अच्छा मुनाफा हो सकता है. 

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह को गुरु कहा जाता है. यह धनु और मीन राशि के स्वामी होते हैं और कर्क इसकी उच्च राशि है जबकि मकर इनकी नीच राशि मानी जाती है. गुरु ज्ञान, शिक्षक, संतान, बड़े भाई, शिक्षा, धार्मिक कार्य, पवित्र स्थल, धन, दान, पुण्य और वृद्धि आदि के कारक माने जाते हैं. ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह 27 नक्षत्रों में पुनर्वसु, विशाखा, और पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र के स्वामी होते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस व्यक्ति पर बृहस्पति ग्रह की कृपा बरसती है उस व्यक्ति के अंदर सात्विक गुणों का विकास होता है. इसके प्रभाव से व्यक्ति सत्य के मार्ग पर चलता है. 

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि देवगुरु बृहस्पति का विशेष गुण जातक के जीवन में सम्पूर्ण विकास, दोषहीनता और जीवन विस्तार का सूचक है. देवगुरु बृहस्पति धर्म, ज्ञान, दर्शन, घरेलू जीवन और संतान से संबंधित विषयों के संतुलन का प्रतिनिधित्व करते हैं. देवगुरु बृहस्पति का मुख्य क्षेत्र शिक्षा और ज्ञान के प्रसार से भी संबंधित होता है. जिन जातको की कुंडली में देवगुरु बृहस्पति उच्च भाव के होते है, उनके जीवन में देवगुरु बृहस्पति के आशीर्वाद से सभी प्रकार की शुभ प्रगति होती है और जातक के जीवन में सुख और समृद्धि में वृद्धि होती है. देवगुरु बृहस्पति जातक की आत्मिक शक्ति ,आध्यात्मिक शक्ति और विवेक भी प्रदान करते हैं .

असर:-
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि कुछ नया सीखने को मिलेगा. सेहत संबंधी परेशानियां भी कम हो सकती है. जॉब-बिजनेस और अन्य कई मामलों में निष्पक्ष फैसले भी होने के योग बन रहे हैं. आर्थिक स्थितियों में भी अनचाहे बदलाव हो सकते हैं. राजनीति में उतार-चढ़ाव का दौर चलता रहेगा और कई राज्यों में सत्ता और संगठन में परिवर्तन की संभावना. इसके अलावा देश की राजनीति में उथल-पुथल हो सकती है. विश्व में बहुत कुछ होगा और देखने को मिलेगा. राजनीति में बड़े स्तर पर बदलाव हो सकता है. कई राज्यों में होने वाले चुनावों के नतीजे सत्तारुढ़ सरकारों के पक्ष में आने में दिक्कतें आ सकती हैं. मंहगाई घटेगी एवं करों का बोझ कम होगा. देश में रोगों की कमी होगी. जमीन, मकान सस्ते होंगे. शिक्षा और रोजगार के लिए अच्छा रहेगा. साथ ही राजनीति से जुड़े लोगों के लिए भी अच्छा समय रहेगा. धर्म से जुड़े राजनेताओं का प्रभाव और बढ़ेगा. 

गुरू के उपाय:-
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि देवगुरु बृहस्पति को प्रसन्न करने के लिए प्रतिदिन ॐ भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का एक माला जाप करें. साथ ही भगवान विष्णु को संभव हो तो पीले रंग के फल का भोग लगाकर प्रसाद के रूप में बांटें. देवगुरु को प्रसन्न करने के लिए बृहस्पतिवार के दिन दाल, हल्दी, पीले वस्त्र, बेसन के लड्डू  आदि किसी योग्य ब्राह्मण को दान करें और केले के वृक्ष पर जल चढ़ाएं. इसके लिए शिवलिंग पर चने की दाल और पीले फूल चढ़ाएं. बेसन के लड्डू का भोग लगाएं. गुरु ग्रह के मंत्र ऊँ बृं बृहस्पतये नमः का जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए. किसी गौशाला में हरी घास दान करें. प्रतिदिन भगवान श्री विष्णु की आराधना के बाद हल्दी और चंदन का तिलक करें. 

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास से जानते हैं देवगुरु का मेष राशि में वक्री हो जाने पर सभी राशियों पर क्या होगा प्रभाव...

मेष राशि:-
कार्यों में सफलता के लिए अधिक मेहनत करनी होगी. आर्थिक समस्याओं निराकरण होगा. दांपत्य जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना होगा.

वृषभ राशि:- 
आकस्मिक लाभ के संकेत हैं प्रयास करें. वाद- विवाद से दूर रहें. व्यापार के लिए समय शुभ रह सकता है. पारिवारिक जीवन में आनंद का अनुभव करेंगे. आर्थिक पक्ष सामान्य रहेगा.

मिथुन राशि:-
शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए ये समय थोड़ा कठिन रह सकता है. यह समय धैर्य रख काम करने का है. पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा. इस समय सफलता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी.

 

कर्क राशि:-
समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना होगा. किसी भी कार्य को करने से पहले अच्छी तरह सोच- विचार कर लें. धन- लाभ हो सकता है, लेकिन धन का अधिक खर्च न करें.

सिंह राशि:-
आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. कार्यक्षेत्र में हर किसी भी भरोसा करने से नुकसान हो सकता है. लेन- देन न करें. दांपत्य जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. जीवनसाथी के साथ समय व्यतीत करें.

कन्या राशि:-
इस समय अपने शत्रुओं पर हावी रहेंगे. मानसिक शांति का अनुभव करेंगे. स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. कार्यक्षेत्र में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. वैवाहिक जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

तुला राशि:-
आर्थिक पक्ष कमजोर हो सकता है. जीवनसाथी के साथ मनमुटाव हो सकता है. लेन- देन न करें.  निवेश करने के लिए शुभ नहीं है. इस समय स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें. 

वृश्चिक राशि:-
आर्थिक पक्ष मजबूत होगा. वाद- विवाद से दूर रहने का समय है. नया वाहन या मकान खरीद सकते हैं. स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है. जीवनसाथी के साथ समय व्यतीत करने का अवसर प्राप्त होगा.

धनु राशि:-
परिवार के सदस्यों के साथ मनमुटाव हो सकता है. मान- सम्मान और पद- प्रतिष्ठा में वृद्धि के योग बन रहे हैं. धन लाभ हो सकता है. जीवन में परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है. इस समय धैर्य से काम लें.

मकर राशि:-
आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. खर्चों में वृद्धि हो सकती है. स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना होगा. पारिवारिक जीवन में भी कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

कुंभ राशि:-
बाहरी व्यक्ति पर भरोसा करने से पहले अच्छी तरह सोच- विचार कर लें. स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है. मान- सम्मान और पद- प्रतिष्ठा में वृद्धि के योग बन रहे हैं. आर्थिक पक्ष सामान्य रहेगा.

मीन राशि:-
शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए ये समय किसी वरदान से कम नहीं है. शत्रुओं पर विजय प्राप्त करेंगे. धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों में शामिल होने का अवसर प्राप्त होगा. धन का खर्च सोच- समझकर ही करें.