प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्य के अधिकारियों को ‘हुक्का बार’ चलाने के नए लाइसेंस जारी करने या पुराने लाइसेंस के नवीकरण के मामलों में आवेदन की तिथि से एक महीने के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया है.
इस मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश प्रितिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल की पीठ ने अपर महाधिवक्ता और हुक्का बार संचालकों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद यह आदेश पारित किया. अदालत ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान लगाई गई पाबंदियों में बहुत हद तक ढील दी जा चुकी है, इसलिए इन लोगों को अपना कारोबार दोबारा शुरू करने की अनुमति दी जा सकती है. इन संचालकों ने दूसरे राज्यों में इसी तरह के व्यवसाय की अनुमति दिए जाने का हवाला दिया है.
सभी हुक्का बार बंद कर दिए गए थे:
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस महामारी फैलने के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव ने पांच सितंबर, 2020 को जारी आदेश के तहत हुक्का बार चलाने पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद, राज्य के विभिन्न जिलों में चल रहे सभी हुक्का बार बंद कर दिए गए थे. अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने अदालत से कहा कि इन संचालकों ने खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के तहत अभी तक आवेदन नहीं किया है और यदि वे आवेदन करते हैं तो उनके आवेदन पर जितनी जल्दी संभव होगा, कानून के मुताबिक विचार किया जाएगा.
नवीनीकरण के लिए आवेदन करने का विकल्प खुला:
अदालत ने मंगलवार को अपने निर्णय में कहा कि निःसंदेह हुक्का बार चलाने के व्यवसाय का नियमन उक्त अधिनियम के तहत किया जाता है, इन संचालकों के पास अपना हुक्का बार चलाने का लाइसेंस लेने या लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए आवेदन करने का विकल्प खुला है. अदालत ने कहा कि यदि मौजूदा संचालकों या इसी तरह के अन्य व्यक्तियों द्वारा ऐसा आवेदन किया जाता है तो उस पर आवेदन की तिथि से एक महीने के भीतर निर्णय किया जाना चाहिए. सोर्स-भाषा