जयपुर: इन दिनों चुनाव वनडे क्रिकेट मैच की तरह होने लगा है..कारण है इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन एवं के सहारे तुरंत मतदान और फटाफट नतीजे का आज दौर हैं. एक दौर वह भी था जब चुनाव करने वालों को एक जगह चुनाव कराने के बाद मतदान सामग्री और अपना बोरिया- बिस्तर समेट कर दूसरी जगह मतदान करने जाना पड़ता था. मतदान का काम 10-10 दिन तक चला करता था.. 1952 में हुए पहले विधानसभा चुनावो की प्रक्रिया 21 दिनों तक चली थी.
साल 1952 का विधानसभा का पहला चुनाव मतदान प्रक्रिया तकरीबन 21 दिनों तक चली इसमें 11 दिन तक तो मतदान का काम ही हुआ था. ऐसी ही स्थिति 1957 में हुए दूसरे विधानसभा चुनाव में भी रही जब 14 दिनों तक मतदान की प्रक्रिया चली. उसे जमाने में ना तो आज की तरह यातायात के साधन से और ना ही संचार माध्यम सरकारी कर्मचारी और पुलिस फोर्स भी ज्यादा नहीं थी इसलिए चुनाव करना बहुत चुनौती पूर्ण कार्य हुआ करता था. मतदान दलों में सरकारी कर्मचारी भी हुआ करते थे. होता यह था कि शहर में तो एक साथ चुनाव हो जाता था लेकिन गांव के रास्ते विकट होते इसलिए एक बार में एक विधानसभा क्षेत्र की 5 या 10 पंचायतो में वोट डलवाकर मतदान दल आगे की पंचायत समितियां में जाकर मतदान प्रक्रिया को पूरी करते थे.. मतगणना का काम तहसीलों में हुआ करता था और आज जैसे विवाद नहीं उठा करते थे.. उस दौर में हर प्रत्याशी के लिए अलग मत पेटी हुआ करती थी और मतदान केंद्र पर यह अलग कमरे में रहती थी . मतदाता को मतपत्र दिया जाता था और वह अपनी पसंद के प्रत्याशी की मत पेटी में वोट डाल देता था. 1967 की विधानसभा चुनाव में सरकारी कर्मचारियों की संख्या भी बड़ी यातायात और संचार के साधनों में बढ़ोतरी हुई इससे मतदान प्रक्रिया में लगने वाला समय कम होता गया.
पहला विधानसभा चुनाव 1952 में हुए
मतदान केंद्रों की संख्या थी 800
4 जनवरी से 24 जनवरी 1952 तक मतदान प्रक्रिया चली
करीब 21 दिन लगे
1957 में दूसरे विधानसभा चुनाव
9949 मतदान केंद्र बनाए गए थे
25 फरवरी से 12 मार्च 1957 तक मतदान प्रक्रिया चली
इसमें करीब 16 दिन लगे
1962 तीसरे विधानसभा चुनाव
11580 मतदान केंद्र बनाए गए थे
19 फरवरी से 25 फरवरी 1962 तक मतदान प्रक्रिया चली
करीब एक हफ्ते तक मतदान प्रक्रिया चली
1972 में पांचवीं विधानसभा के लिए चुनाव हुए
18618 मतदान केंद्र बनाई गई थी
5 मार्च से 11 मार्च 1972 तक मतदान प्रक्रिया चली
6 दिनों तक मतदान प्रक्रिया चली
1977 में छठी विधानसभा के लिए चुनाव हुए
18947 मतदान केंद्र बनाए गए थे
10जून से 13 जून 1977 तक मतदान प्रक्रिया चली
तकरीबन चार दिनों तक मतदान प्रक्रिया चली
1980 में सातवीं विधानसभा के लिए चुनाव हुए
21750 मतदान केंद्र बनाए गए थे
28 में से 31 मई 1980 तक मतदान प्रक्रिया चली
चार दिनो में मतदान प्रक्रिया संपन्न हुई थी
1985 में आठवीं विधानसभा के लिए चुनाव हुए थे
25968 बूथ बनाए गए
5 मार्च 1985 को मतदान प्रक्रिया पूरी हुई
एक दिन में सभी सीटों के लिए मतदान की व्यवस्था 1985 में हो पाई थी. इसके बाद से एक दिन में ही शांतिपूर्ण चुनाव कराने का दौर शुरू हो गया था. आज ईवीएम ने तो काम ओर आसान बना दिया है.
राजस्थान विधानसभा का अब तक का कार्यकाल
पहली विधानसभा का गठन 29 मार्च 1952 को हुआ
इस विधानसभा के कुल सदस्य थे 160
दो महिला सदस्य थी
विधानसभा के 12 सत्रों में 303 बैठकें
दूसरी विधानसभा का गठन 24 अप्रैल 1957 को हुआ
विधानसभा के कुल सदस्य थे 176
9 महिला सदस्य भी निर्वाचित हुई थी
11 सत्रों में 306 बैठके हुई
तीसरे विधानसभा का कार्यकाल 3 मार्च 1962 में शुरू हुआ था
इस विधानसभा के कुल सदस्य थे 176
8 महिला सदस्य भी निर्वाचित हुई थी
10 सत्रों में विधानसभा की 268 बैठके हुई
चौथी विधानसभा का गठन 1 मार्च 1967 को हुआ
इस विधानसभा के 184 सदस्य थे
7 महिला सदस्य श्री निर्वाचित हुई थी
11 सत्रों में विधानसभा की 242 बैठक आयोजित हुई थी
पांचवीं विधानसभा का कार्यकाल शुरू हुआ था 15 मार्च 1972 को
184 विधानसभा के सदस्य थे
13 महिला सदस्य भी निर्वाचित हुई थी
13 सत्रों में 200 बैठके आयोजित की गई थी
छठी विधानसभा का कार्यकाल 22 जून 1977 को शुरू हुआ था
इस विधानसभा का कार्यकाल 17 फरवरी 1980 तक रहा
इस विधानसभा के कुल सदस्य 200 थे
पहली बार 200सदस्यों की शुरुआत इसी विधानसभा के गठन से हुई
8 महिला सदस्य भी निर्वाचित हुई थी
छह सत्रों में 115 बैठक आयोजित की गई थी
सातवीं विधानसभा का गठन 6 जून 1980 को हुआ था
9महिला सदस्य निर्वाचित हुई थी
9 सत्रों में 168 बैठकें आयोजित हुई थी
आठवीं विधानसभा का गठन 9 मार्च 1985 को हुआ था
17 महिला सदस्य भी निर्वाचित हुई थी
12 सत्रों में 180 बैठक संपन्न हुई थी
नवी विधानसभा का गठन 2 मार्च 1990 को हुआ
12 महिला सदस्य भी निर्वाचित हुई थी
7 सत्रों में 95 बैठक आयोजित हुई थी
विधानसभा का कार्यकाल कार्यकाल 15 दिसंबर 1992 तक चला
दसवीं विधानसभा का गठन 4 दिसंबर 1993 को
10 महिला सदस्य भी चुनी गई थी
11 सत्रों में 141 बैठक संपन्न हुई
11वीं विधानसभा का गठन 1 दिसंबर 1998 को हुआ
15 महिला सदस्य भी निर्वाचित हुई थी
11 सत्रों में 143 बैठक संपन्न हुई
12वीं विधानसभा का गठन 6 दिसंबर 2003 को हुआ
12 महिला सदस्य की निर्वाचित हुई थी
10 सत्रों में 140 बैठके संपन्न हुई
13वीं विधानसभा का गठन 11 दिसंबर 2008 को हुआ था
29 महिला सदस्य निर्वाचित हुई थी
11 सत्रों में 119 बैठके संपन्न हुई थी
चौदहवीं विधानसभा का गठन 11 दिसंबर 2013 को हुआ
27 महिला सदस्य भी निर्वाचित हुई थी
11 सत्रों में 139 बैठके संपन्न हुई थी
15वीं और मौजूदा विधानसभा का गठन 12 दिसंबर 2018 को हुआ था
8सत्रों में 139बैठकें आयोजित हुई
21मार्च 2023 तक के रिकॉर्ड के अनुसार