बरसात पर टिकी हजारों किसानों की उम्मीद, अगस्त में मानसून की बेरुखी ने बिगाड़ा बीसलपुर बांध का गणित; जानिए 1996 में बांध के निर्माण से लेकर अब तक का इतिहास

बरसात पर टिकी हजारों किसानों की उम्मीद, अगस्त में मानसून की बेरुखी ने बिगाड़ा बीसलपुर बांध का गणित; जानिए 1996 में बांध के निर्माण से लेकर अब तक का इतिहास

जयपुर: उदयपुर संभाग में औसत से कम बरसात का असर बीसलपुर बांध पर भी दिखाई दे रहा है. बांध पर पिछले साल 26 अगस्त को चादर चलने के साथ ही हजारों किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलने का रास्ता साफ हो गया था और इस बार बरसात की बेरुखी ने  किसानों की चिंता बढ़ा दी है. चादर नहीं चली तो 256 गांवों में 81 हजार 800 हैक्टेयर भूमि को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल सकेगा. बता दें कि बीसलपुर बांध से किसानों को सिंचाई के लिए 19 साल में अब तक 13 बार पानी दी जा चुका है. उधर, जलसंसाधन व जलदाय विभाग को आस है कि इस बार भी बांध पर चादर चलेगी. 

बीसलपुर बांध पर चादर चलती है तो टोंक जिले के ढाई लाख किसान परिवारों के लिए रोजी-रोटी का इंतजाम होता है. पिछले साल 26 अगस्त को बांध पर चादर चलने के साथ ही किसानों के चेहरे पर खुशी दिखाई दी थी. लेकिन इस अगस्त बरसात की कमी ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है. बांध में भराव क्षेत्र में मुख्य रूप से भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और राजसमंद का पानी आता है. माना जा रहा है कि अगस्त में बांध नहीं भरता है तो सितंबर में उम्मीद ना के बराबर रहेगी. उधर, बांध का जलस्तर 315 आरएल मीटर पर नहीं पहुंचेगा तो किसानों को सिंचाई का पानी नहीं मिल सकेगा. 

- बीसलपुर बांध का निर्माण वर्ष 1996 

- बांध पर पहली बार चली चादर वर्ष 2004 

- बांध पर वर्ष 2004, 2006, 2014, 2016, 2019 और 2022 पर चली चादर

- सिंचाई के लिए वर्ष 2004, 5, 6, 7, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 19 और 2022 में दिया गया पानी

- 256 गांवों के ढाई लाख किसान परिवारों को दिया जाता रहा है सिंचाई के लिए पानी 

- बांध की कुल भराव क्षमता 315.50 RL मीटर 

- बांध का वर्तमान जलस्तर 313.94 RL मीटर

- बांध से करीब एक करोड़ लोगों की बझाई जा रही है प्यास

- जयपुर और अजमेर की लाइफ लाइन है बीसलपुर बांध 

बीसलपुर बांध पर पिछले साल चादर चली थी, तब किसानों को सिंचाई के लिए पानी दिया गया था. लेकिन इस बार मानसून की रफ्तार धीमी रही और अगस्त अब तक सूखा ही निकल गया. किसानों को इंतजार है कि बांध का जलस्तर 315 आरएल मीटर पर कब पहुंचेगा ताकि सिंचाई के लिए पानी दिया जा सके. जल संसाधन विभाग की माने तो बीसलपुर से टोंक जिले के 81 हजार 800 हैक्टेयर भूमि पर सिंचाई के लिए 256 गांवों को पानी दिया जाता रहा है. करीब चार माह तक नहर चला कर खेतों में सिंचाई के लिए बांध से आठ टीएमसी पानी दिया जाता रहा है. जब भी बांध का जलस्तर 315 आरएल मीटर के आसपास पहुंचा तो किसानों के चेहरे पर खुशी दिखाई दी है, लेकिन जब-जब पानी की मारीमारी रही किसान बांध के पानी की बाट जोहते रहे. 

 

19 साल में 13 बार दिया सिंचाई का पानी:
जल संसाधन विभाग की माने तो बीसलपुर बांध से सिंचाई के लिए टोंक जिले के 256 गांवों को बीते 19 साल में 13 बार सिंचाई के लिए पानी दिया जा चुका है. इसमें भी छह बार बांध पर चादर चली और अन्य बार जलस्तर 315 के आसपास पहुंचा था. जलसंसाधन विभाग की माने तो बांध में 38 टीएमसी पानी की भराव क्षमता है और 24 टीएमसी से ऊपर होने पर ही सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था होती रही है.

...फर्स्ट इंडिया न्यूज के लिए विनोद सिंह चौहान की रिपोर्ट