नई दिल्ली : वायुसेना के 'अपराजित योद्धा' मिग-21 ने अपनी आखिरी उड़ान भरी. 1965 से बालाकोट तक मिग-21 का गौरवशाली सफर रहा है. भारतीय वायुसेना का मिग-21 से गहरा और ऐतिहासिक रिश्ता रहा है.
IAF चीफ ने खुद लड़ाकू विमान मिग-21 को उड़ाकर विदाई दी. एक समय वायुसेना के पास 1200 से अधिक मिग एयरक्राफ्ट थे. लगभग हर फाइटर पायलट ने अपने करियर की शुरुआत मिग से की और कई चीफ बनने से पहले इसके कॉकपिट में बैठे.
मिग बड़े पैमाने पर बनाए सुपरसोनिक लड़ाकू विमानों में से एक है. 11,000 से ज्यादा विमान 60 से अधिक देशों में इस्तेमाल किए गए. वायुसेना प्रमुख एपी सिंह ने नाल एयरबेस से मिग-21 पर उड़ान भरी. अगले माह 26 सितंबर को मिग-21 वायुसेना से रिटायर हो रहा है. IAF चीफ कहा कि मिग-21 ने 6 दशकों तक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. अब तेजस लाया गया जिसे मिग-21 का उत्तराधिकारी माना जा रहा है.