वाशिंगटन : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका की राजकीय यात्रा के बीच व्हाइट हाउस ने कहा है कि अमेरिका की तरह ही भारत भी एक विविधतापूर्ण लोकतंत्र है और दोनों देश अपने द्विपक्षीय संबंधों पर काम करना जारी रखेंगे.
बाइडन दंपती करेंगे मोदी के लिए राजकीय रात्रिभोज की मेजबानी:
प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन के निमंत्रण पर 21 से
24 जून तक अमेरिका की राजकीय यात्रा पर हैं. बाइडन दंपती 22 जून को मोदी के लिए राजकीय रात्रिभोज की मेजबानी करेंगे. प्रधानमंत्री 22 जून को अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के संयुक्त सत्र को भी संबोधित करेंगे.
लोकतंत्र की राह कठिन:
सामरिक संवाद के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा संयोजक जॉन किर्बी ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि लोकतंत्र की राह कठिन है. हम इस बात को जानते हैं. हमने इस देश में इसका अनुभव किया है. यह कठिन है, आपको इस पर काम करना होता है. उन्होंने कहा कि भारत एक विविधतापूर्ण लोकतंत्र है और वे भी इस पर काम कर रहे हैं. किसी भी लोकतंत्र ने किसी भी नियत समय में संपूर्णता हासिल नहीं की.
किर्बी ने कहा कि लोकतंत्र का विचार यह होता है कि 'आप अधिक से अधिक पूर्णता प्राप्त करने का प्रयास करें. और इसलिए हम दुनिया के दो विविधतापूर्ण, मजबूत एवं प्रभावशाली लोकतंत्र के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर काम करना जारी रखेंगे, ताकि हमारे रिश्ते और बेहतर हो सकें.' उन्होंने कहा कि इसका अर्थ यह है कि ऐसा करते हुए 'हम संवाद भी करेंगे और इस दौरान हमारे बीच, हमारे मित्रों तथा हमारे सहयोगियों के बीच कुछ असहज संवाद भी हो सकते हैं.'
मानवाधिकार प्रशासन की विदेश नीति का बुनियादी तत्व:
किर्बी ने कहा कि आप ऐसा ही करते हैं. जब आप सहयोगी होते हैं, मित्र होते हैं, तब आप असहज मुद्दों पर भी बात करते हैं. एक सवाल के जवाब में किर्बी ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडन दुनिया में जहां भी जाते हैं, जिस नेता से भी बात करते हैं, वे मानवाधिकारों के बारे में अपनी चिंताओं को जरूर व्यक्त करते हैं. उन्होंने कहा कि मानवाधिकार (बाइडन) प्रशासन की विदेश नीति का बुनियादी तत्व है और आप निश्चित तौर पर यह उम्मीद कर सकते हैं कि राष्ट्रपति इसके बारे में अपनी चिंताएं जाहिर कर सकते हैं, जैसा कि वे हमेशा करते आए हैं. सोर्स भाषा