जैसलमेरः भारत की तीनों सेनाएं अब तक का सबसे बड़ा संयुक्त युद्धाभ्यास करने जा रही है. 30 अक्टूबर से ‘त्रिशूल’ युद्धाभ्यास शुरू होगा. 10 नवंबर तक पश्चिमी सीमा पर एक्शन मोड रहेगा. जैसलमेर से लेकर गुजरात के कच्छ और सर क्रीक तक अभ्यास का इलाका फैला रहेगा. थल सेना, नौसेना और वायुसेना के 30 हजार से ज्यादा जवान इसमें शामिल होंगे.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद अब युद्ध स्तर की तैयारी की सबसे बड़ी परीक्षा होगी. काउंटर ड्रोन सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर और स्पेक्ट्रम मॉनिटरिंग पर फोकस रहेगा. वायुसेना करेगी प्रिसिशन स्ट्राइक और एयर डिफेंस इंटरसेप्शन की रियल टाइम टेस्टिंग थल सेना के अर्जुन टैंक, हॉवित्जर तोपें और वायुसेना के अपाचे हेलिकॉप्टर तैनात रहेंगे.
इस जॉइंट ऑपरेशन में नौसेना के वारशिप और मरीन कमांडो भी लेंगे हिस्सा. 28 हजार फीट ऊंचाई तक हवाई क्षेत्र को - NOTAM जारी कर आरक्षित किया गया है. कॉमर्शियल फ्लाइट्स के रूट में अस्थाई बदलाव की संभावना है. सरक्रीक इलाके में पाकिस्तान की हरकतों पर पैनी नजर रखी जाएगी. जैसलमेर की रेत पर भारत की तीनों सेनाओं का त्रिशूल गर्जन गूंजेगा.