सेवा की भारतीय अवधारणा कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व’ से पुरानी- Mohan Bhagwat

सेवा की भारतीय अवधारणा कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व’ से पुरानी- Mohan Bhagwat

मुंबई: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को कहा कि भारतीय संस्कृति में ‘‘सेवा’’की अवधारणा कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के विचार से बहुत पुरानी है.

उन्होंने ‘सेवा भवन’ के उद्घाटन के मौके पर कहा कि कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व की हालिया अवधारणा की तुलना में, जिसे हम ‘सेवा’ कहते हैं, वह हमारे समाज में गहराई से समाई हुई है. सेवा के प्रति हमारा दृष्टिकोण यह है कि हम इसके बदले में कुछ भी अपेक्षा नहीं रखते हैं.

आलोचना और विरोध का भी सामना करना पड़ता है: 
भागवत ने कहा कि सेवा को कभी-कभी ‘सर्विस’ के रूप में परिभाषित किया जाता है, लेकिन वहां (सर्विस के मामले में) आप बदले में कुछ उम्मीद करते हैं. हमारी सेवा की परंपरा में, लोगों को कभी प्रशंसा मिलती है तो कभी आलोचना और विरोध का भी सामना करना पड़ता है. सोर्स-भाषा