भारत के इतिहास, शिक्षाओं ने दुनिया को दिया आकार: कमला हैरिस

भारत के इतिहास, शिक्षाओं ने दुनिया को दिया आकार: कमला हैरिस

वाशिंगटन : अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने शुक्रवार को कहा कि भारत के इतिहास एवं शिक्षाओं ने दुनिया को आकार दिया, वहीं इसके दर्शन ने लाखों लोगों को प्रेरित किया है.

भारत ने दुनियाभर के लाखों लोगों को प्रेरित किया:

कमला ने यह भी कहा कि भारत उनकी जिंदगी का 'बहुत अहम हिस्सा' है और वह इस देश से गहराई से जुड़ी हुई हैं. उन्होंने अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सम्मान में दिए दोपहर के भोज में कहा कि भारत के इतिहास और शिक्षाओं ने न केवल मुझे प्रभावित किया है, बल्कि निश्चित रूप से पूरी दुनिया को आकार भी दिया है. हैरिस ने कहा कि पूरे इतिहास में, भारत ने दुनियाभर के लाखों लोगों को प्रेरित किया है, चाहे वह दर्शन और धर्मशास्त्र के माध्यम से हो, सविनय अवज्ञा की शक्ति से या फिर लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता के जरिये. अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने बचपन में की गई भारत की विभिन्न यात्राओं को भी याद किया.

कमला की भारत यात्राएं:

उन्होंने कहा कि जब मैं और मेरी बहन माया बड़े हो रहे थे, तब हमारी मां हमें लगभग हर दूसरे साल भारत ले जाती थीं. उन यात्राओं के कई मकसद थे, जिनमें यह भी शामिल था कि हम अच्छी तरह से समझ सकें कि वह कहां से आई थीं, वहां कहां पैदा हुई थीं, ताकि हम अपने नाना-नानी, अपने मामा और अपनी चिट्टियों (मौसियों) के साथ समय बिता सकें, ताकि हम इडली के साथ परोसे जाने वाले प्यार को समझ सकें. कमला हैरिस ने कहा कि हम अपने नाना-नानी से मिलने के लिए अक्सर मद्रास (अब चेन्नई) जाते थे. और मैं आपको बताना चाहूंगी कि मेरे नाना वास्तव में मेरे सबसे पसंदीदा लोगों में से एक थे. जब मैं छोटी थी, तब हम एक-दूसरे को खूब पत्र लिखा करते थे.

उनके नाना का उन पर था गहरा प्रभाव: 

अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने कहा कि उनके नाना का उन पर गहरा प्रभाव था. उन्होंने कहा​ कि 
मैं उनकी सबसे बड़ी नातिन थी. और मुझे यकीन है कि आपमें से कई लोगों को पता होगा कि सबसे बड़ा होने की क्या अहमियत होती है. इसलिए, मैं परिवार में अपने इस ओहदे का भरपूर फायदा उठाया करती थी. और मेरे नाना मुझे और लगभग मेरे सभी भाई-बहनों को भरोसा दिलाने में सफल रहे थे कि हम उनके सबसे पसंदीदा हैं. बावजूद इसके, मैं परिवार की अकेली ऐसी बच्ची थी, जिसे मेरे नाना सुबह सैर पर अपने साथ ले जाते थे.

देश की आजादी से जुड़े किस्से-कहानियों को स्पष्ट रूप से समझा:

हैरिस ने कहा कि सुबह की सैर पर जब मैं नाना को अपने सेवानिवृत्त दोस्तों के साथ विभिन्न मुद्दों पर बात करते सुनती थी, तो मुझे ज्यादा मजा नहीं आता था. लेकिन, मैं भारत के स्वतंत्रता सेनानियों एवं संस्थापक नायकों और देश की आजादी से जुड़े किस्से-कहानियों को स्पष्ट रूप से समझती थी और ये कहानियां मुझे आज भी याद हैं. मुझे याद है कि वे किसी की आस्था या जाति की परवाह किए बिना भ्रष्टाचार से लड़ने और समानता के लिए लड़ने के महत्व के बारे में बात करते थे.

नाना के साथ ने उनकी सोच को प्रभावित किया:

हैरिस ने कहा कि छोटी उम्र में नाना के साथ सैर के दौरान हुए संवादों ने उनकी सोच को प्रभावित किया. उन्होंने कहा कि मुझे याद है कि सैर के दौरान मेरे नाना ने मुझे न सिर्फ यह बताया कि लोकतंत्र क्या है, बल्कि यह भी समझाया कि लोकतंत्र को बनाए रखने के क्या मायने हैं. मेरा मानना ​​है कि ये कम उम्र में मिली वे शिक्षाएं हैं, जिन्होंने सार्वजनिक सेवा को लेकर मुझमें सबसे पहले दिलचस्पी जगाई. मैं अब पीछे मुड़कर देखती हूं, तो मुझे पूरी तरह से एहसास होता है कि इन संवादों ने मुझ पर और मेरी सोच पर कितना प्रभाव डाला.

कमला ने जताया मोदी का आभार:

कमला ने भारत की 21वीं सदी में वैश्विक शक्ति के रूप में उभरने में मदद करने के लिए उसे शानदार नेतृत्व प्रदान करने के वास्ते मोदी का आभार जताया. उन्होंने कहा कि आपने क्वाड को फिर से मजबूत करने में मदद की है. जी20 की आपकी अध्यक्षता के दौरान जलवायु वित्त के संबंध में नयी प्रगति देखने को मिल रही है. और आप वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय संस्थानों और वैश्विक समाधानों के समर्थक रहे हैं. सोर्स भाषा