उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने जैसलमेर में तनोट माता मंदिर में किए दर्शन, बॉर्डर पर जवानों से की मुलाकात

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने जैसलमेर में तनोट माता मंदिर में किए दर्शन, बॉर्डर पर जवानों से की मुलाकात

जैसलमेर: देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ अपने दो दिवसीय दौरे पर गुरुवार को दोपहर बाद जैसलमेर पहुंचे. उपराष्ट्रपति हेलीकॉप्टर द्वारा तनोट माता के मंदिर में पहुंचे जहां सीमा सुरक्षा बल के जवानों द्वारा उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. जगदीप धनखड़ व डॉ सुदेश धनखड़ ने तनोट माता के दर्शन कर पूजा अर्चना की और समस्त देशवासियों के सुख, समृद्धि और खुशहाली के लिए प्रार्थना की. 

दर्शन के उपरांत एक ट्वीट कर उपराष्ट्रपति जी ने कहा कि जैसलमेर में लोंगेवाला के समीप तनोट माता मंदिर में दर्शन का सौभाग्य मिला. मां के श्री चरणों में शीश झुका कर धन्य हुआ. यह दिव्य मंदिर विषम परिस्थितियों में देश की रक्षा में तैनात जवानों की अटूट श्रद्धा का केंद्र है. तनोट माता से प्रार्थना है कि समस्त देशवासियों को सुख, समृद्धि और खुशहाली दें, सबकी मनोकामनाएं पूर्ण करें!”इससे पूर्व तनोट आगमन पर उप राष्ट्रपति का जिला प्रमुख प्रताप सिंह सोलंकी, जिला कलेक्टर प्रताप सिंह, पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी समेत सीमा सुरक्षा बल के उच्चाधिकारियों ने स्वागत किया.

उपराष्ट्रपति  ने मंदिर परिसर में स्थित विजय स्तम्भ पर शहीदों को श्रद्धांजली अर्पित की. तत्पश्चात सीमा सुरक्षा बल की विशेष गार्ड द्वारा उपराष्ट्रपति को गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया. इसके पश्चात उपराष्ट्रपति अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर बावलियांवाला चौकी पहुंचे और वहां तैनात बीएसएफ के जवानों से मुलाकात की. कठिन परिस्थितियों में देश की सीमाओं की रक्षा कर रहे सैनिकों की प्रशंसा करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि उनके साहस और त्याग के कारण ही सभी देशवासी चैन की नींद सो पाते हैं.

इस अवसर पर बीएसएफ़ जवानों का उत्साह वर्धन करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा आप लोगों का योगदान, आपकी तपस्या और कर्तव्यनिष्ठा अभिनंदनीय है, आप बेहद चुनौतीपूर्ण स्थिति में देश सेवा करते हो. ठैथ् के जवानों के हौसले बढ़ाने में माताओं- बहनों का बहुत बड़ा योगदान है जिन्होंने दिल पर पत्थर रखकर कहा कि, “जाओ और अपने देश की रक्षा करो.“

आज का भारत दुनिया के नक्शे पर अलग भारत है. सबसे तेज़ी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्थाओं में से है, पांचवी महाशक्ति है. कुछ वर्षों में हम विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे. 2047 में विकसित भारत होगा, आप इस मैराथन के सिपहसालार हैं. आपका काम बहुत चुनौतीपूर्ण है, आपकी राष्ट्र भावना, राष्ट्र के प्रति आपका प्रेम, आपकी प्रतिबद्धता वंदनीय है. मैं आपको नमन करता हूं, देश के जवानों पर मुझे गर्व है, आप सभी का अभिनंदन करता हूं.

उन्होंने कहा कि “मैं सैनिक स्कूल का स्टूडेंट रहा हूं, इसलिए भी आपसे बेहद लगाव है. जब मैंने यहां बच्चियों को देखा, तो कभी नहीं सोचा था कि हमारी बेटियां इतना उत्कृष्ट काम करेंगी. बेटियां आज कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रहीं हैं. इस विषम परिस्थिति में भी राष्ट्र के प्रति आपका समर्पण अनुकरणीय है, मेरी यही कामना है कि आप सभी सुखी रहें. उपराष्ट्रपति को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए बीसएफ के महानिदेशक नितिन अग्रवाल ने कहा कि “विषम परिस्थिति और मौसम के बीच उपराष्ट्रपति का यहां आकर जवानों की हौसला-अफ़ज़ाई करने के कदम ने सभी के अंदर एक नई ऊर्जा का संचार किया जिसके लिए वे उनके आभारी हैं.