जयपुर: राजधानी जयपुर में ट्रैफिक का हाल बहुत बुरा है. आये दिन शहर में लग रहे जाम के कारण लोगों को बहुत परेशानी हो रही है. शहर में यातायात जाम का बड़ा कारण है बेतरतीब ई रिक्शाओं का संचालन.
कुछ साल पहले तक जयपुर शहर का यातायात बहुत सुगम माना जाता था. लेकिन अब यातायात जाम की श्रेणी में जयपुर मुंबई, दिल्ली और बैंगलौर जैसे शहरों की श्रेणी में शामिल हो गया है. सुबह का समय हो या शाम का हर रोज़ जयपुर में घंटों लंबा जाम लग रहा है. कार्यालय बंद होने के समय तो जयपुर शहर के हर इलाके में ट्रेफिक जाम हो जाता है. सालों से प्रक्रियाधीन ई-रिक्शा संचालन की पॉलिसी आखिरकार आगे बढ़ी है. जिला कलक्टर ने जोनवार ई-रिक्शा संचालन की अधिसूचना जारी कर दी है लेकिन कलेक्टर की यह अधिसूचना सिर्फ खानापूर्ति लगती है. क्योंकि अधिसूचना में जिन निर्देशों का जिक्र किया है उनकी पालना होना संभव नहीं लगता है. कलेक्टर की अधिसूचना के अनुसार ई रिक्शाओं का संचालन अब कलर के हिसाब से होगा. पुलिस थाना सीमा के हिसाब से अब ई रिक्शाओं का संचालन होगा. लेकिन कलर कैसे होगा कौन करेगा कार्रवाई क्या होगी अधिसूचना में इसका कोई उल्लेख नहीं है.
1- जयपुर कलेक्टर ने ई रिक्शाओं को लेकर जो अधिसूचना जारी की है उसमें ई रिक्शाओं के पंजीकरण को प्रतिबंधित करने का कोई प्रावधान नहीं है.
2- जब तक ई रिक्शाओं के पंजीकरण को प्रतिबंधित नहीं किया जाएगा तब तक ट्रैफिक जाम की समस्या का समाधान नहीं होगा.
3- शहर में ई रिक्शाओं की संख्या यातयात पुलिस के जवानों से बहुत अधिक है. ऐसे में पुलिस थाने की सीमा में चलने का नियम तोड़ने पर कार्रवाई कैसे सुनिश्चित होगी.
4- अगर ई रिक्शा संचालक नियम तोड़ेंगे तो क्या कार्रवाई होगी कौन करेगा इसका कोई प्रावधान नहीं है.
5- नई अधिसूचना में यह भी उल्लेख नहीं है कि ई रिक्शाओं पर कलरिंग कब तक होगी.
6- नई व्यवस्था के अनुसार ई रिक्शाओं का संचालन कराना परिवहन विभाग की जिम्मेदारी है हा यातायात पुलिस की इसका भी कोई उल्लेख अधिसूचना में नहीं है.
जयपुर में ई रिक्शाओं के बेतरतीब संचालन को रोकने का सबसे प्रभावी फैसला ई रिक्शाओं के पंजीकरण को प्रतिबंधित या सीमित करना ही है. लेकिन इस बारे में परिवहन विभाग के अधिकारी कोई फैसला नहीं ले पा रहे हैं इस कारण शहर में ई रिक्शाओं की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है, परिवहन विभाग की अनुशंसा पर ज़िला कलेक्टर ने जो अधिसूचना जारी की है उससे यह तो लगता है कि प्रशासन ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात के लिए प्रयास कर रहा है लेकिन बिना किसी प्रमुख प्रावधानों के जारी की गई यह अधिसूचना खानापूर्ति ही नज़र आ रही है.