Jaipur News: जेडीए के कब्जे में आई करीब 600 करोड़ बाजार भाव की भूमि, विद्याधर नगर में बेशकीमती 8 बीघा भूमि से हटाए अवैध कब्जे; पिछले 40-50 वर्षों से था अतिक्रमण

जयपुर: जेडीए के प्रवर्तन दस्ते ने आज बड़ी कार्रवाई करते हुए शहर में पॉश इलाके में मौजूद 200 से 250 करोड़ रुपए बाजार भाव की बेशकीमती सरकारी जमीन से अवैध कब्जे हटाए. इस कार्रवाई के साथ ही यहां लगती दूसरी भूमि को मिलाते हुए करीब 600 करोड़ रुपए बाजार भाव की भूमि जेडीए की मिल चुकी है. 

विद्याधर नगर के सेक्टर 9 के पास ग्राम बीड़ सरकारी मल्होत्रा नगर में करीब आठ बीघा भूमि पर 40-50 वर्षों से अवैध कब्जा था. सरकारी स्वामित्व की इस भूमि पर अवैध कब्जे को हटाने के लिए अतिक्रमियों को जेडीए के प्रवर्तन दस्ते की ओर से नोटिस दिए गए. इसके बाद पिछले दो दिनों तक चली मुनादी के बाद करीब 95 प्रतिशत अवैध कब्जों को अतिक्रमियों ने स्वत: ही हटा लिया था. इसके बाद आज चली कार्रवाई में शेष अवैध कब्जे और मौके के निर्माण हटाए गए. 

- इस बेशक़ीमती सरकारी भूमि पर क़रीब 9 मार्बल -ग्रेनाइट के बड़े बाड़े, 
- 7 कबाड़ियों व अन्य के गोदाम ,ऑफिस के कमरे, पशुओं के बाड़े, छप्पर, 
- चाय की थड़िया इत्यादि बनाकर व्यवसायिक गतिविधियां संचालित  की जा रही थी 
- करीब 80 टीनशेड -तिरपाल की झुग्गी झोपड़ियां बनाकर अवैध रूप से बस्ती बसाई गई
- इन गतिविधियों के किराए के पेटे लाखों रुपए महीने का किराया वसूला जा रहा था
- भूमाफिया की ओर से कब्जा कर भूमि को किराए पर देकर लाखों रुपए वसूले जा रहे थे
- प्रवर्तन दस्ते ने समस्त अवैध कब्जे हटाते हुए भूमि पर जेडीए संपत्ति के बोर्ड लगाए

जेडीए की इस इलाके में यह पहली कार्रवाई नहीं हैं. इससे पहले पिछले वर्ष नवंबर में भी इससे लगती जेडीए स्वामित्व की 12 बीघा भूमि पर अवैध कब्जे हटाए गए थे. आपको बताते हैं कि किस तरह इस पूरे मामले के कारण जेडीए के खजाने में करीब छह सौ करोड़ रुपए आने की उम्मीद जगी है. 

- जिस 8 बीघा सरकारी भूमि से आज अवैध कब्जे हटाए गए थे
- उससे ही लगती जेडीए स्वामित्व की 12 बीघा जमीन स्थित है
- इस भूमि पर स्कूल,ऑफिस,गोदाम व अन्य अतिक्रमण थे
- जेडीए के प्रवर्तन दस्ते ने पिछले वर्ष 9 नवंबर को ये अतिक्रमण हटाए थे
- जब यह र्कारवाई चल रही थी,तभी स्थानीय लोगों ने सूचना दी
- स्थानीय लोगों ने जेडीए अधिकारियों को बताया यह भूमि भी जेडीए स्वामित्व की है
- इसके बाद जेडीए की प्रवर्तन शाखा ने मामले की पड़ताल की
- इस पड़ताल में सामने आया कि यह भूमि भी जेडीए स्वामित्व की है
- इसके बाद जोन कार्यालय से अतिक्रमण के बारे में रिपोर्ट ली गई
- इस रिपोर्ट के आधार पर आज पूरी जमीन को खाली कराया गया है
- इस तरह जेडीए ने कुल 20 बीघा बेशकीमती पर अपना कब्जा कर लिया है
- इस पूरी जमीन की अनुमानित कीमत करीब 600 करोड़ रुपए बताई जा रही है
- इस भूमि पर जेडीए की ओर प्लानिंग कर भूखंड नीलाम किए जाएंगे

जिस भूमि पर आज जेडीए के प्रवर्तन दस्ते ने कार्रवाई की. उस भूमि पर कुछ हिस्से पर काफी साल पहले जेडीए की ओर से चारदिवारी भी बनाई गई थी. ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है, जिस भूमि को बचाने के लिए चारदिवारी बनाई गई,उस भूमि पर इतने वर्षों में अवैध कब्जे करने की भूमाफिया को छूट कैसे मिल गई ?