Jaipur News: जयपुर के दक्षिण में होगा एक बड़े इकोनॉमिक हब का "उदय", अधिसूचना के राजपत्र में प्रकाशन का रास्ता साफ; जानिए क्या है प्लान की खास बातें ?

जयपुर: फर्स्ट इंडिया न्यूज़ की खबर का एक बार फिर बड़ा असर हुआ है. टोंक रोड स्थित शिवदासपुरा व बाड़ा पदमपुरा और उसके आसपास के इलाके को राजधानी का नया बड़ा इकोनॉमिक हब बनाने के लिए आखिरकार अधिसूचना के राजपत्र में प्रकाशन का रास्ता साफ हो गया है. क्या है पूरा मामला जानने के लिए देखें फर्स्ट इंडिया न्यूज़ की यह खास रिपोर्ट...

फर्स्ट इंडिया न्यूज़ ने पिछले दिनों इस मामले में खबर प्रसारित की थी. खबर में बताया गया था कि राजधानी के शिवदासपुरा व बाड़ा पदमपुरा सहित आसपास के इलाके को बड़ा इकॉनोमिक हक बनाने का मामला एक बार फिर से अटक गया है. इस बार अटकने का कारण जेडीए की ओर से जारी की गई अधिसूचना का राजपत्र में प्रकाशन नहीं होना था. राजपत्र में प्रकाशन के बाद ही इस इलाके में लैंड यूज प्लान को लागू करने की अधिसूचना लागू हो सकती है. 

लेकिन अब नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने अधिसूचना को राजपत्र में प्रकाशित करने की मंजूरी दे दी है. लैंड यूज प्लान लागू होने से इस ढाई हजार हैक्टेयर क्षेत्र का समग्र विकास हो सकेगा.  शिवदासपुरा व बाड़ा पदमपुरा की करीब 2000 हेक्टेयर भूमि वर्ष 2004 से ही ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के लिए आरक्षित थी. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में गठित कैबिनेट एंपावर्ड कमेटी की 31 जुलाई वर्ष 2020 में हुई बैठक में इस एयरपोर्ट की योजना को निरस्त करने का फैसला किया गया. वर्ष 2011 में जयपुर शहर का मास्टर प्लान 2025 लागू किया गया था. तब इस भूमि का लैंड यूज स्पेशल एरिया रखा गया था.  रिंग रोड के नजदीक स्थित इस भूमि का लैंड यूज़ प्लान तैयार करते समय भावी आवश्यकता का ध्यान रखते हुए यहां का लैंड यूज़ आवासीय व व्यावसायिक के साथ औद्योगिक और रीक्रिएशनल भी रखा गया है. आपको सबसे पहले बताते हैं कितनी जमीन का क्या भू उपयोग रखा गया है

-1639 हेक्टेयर भूमि का भू उपयोग आवासीय रखा गया है, यह कुल भूमि में से 65.87 प्रतिशत है 

- इसी प्रकार 130 हेक्टेयर भूमि का भू उपयोग कमर्शियल रखा गया है जो कि कुल भूमि का 6.27% है 

- एक हिस्से का भू उपयोग रीक्रिएशनल रखा गया है 

- इसी प्रकार बड़ी भूमि 369.5 हेक्टेयर भूमि औद्योगिक उपयोग के लिए आरक्षित रखी गई है

- इलाके में मौजूद वाटर बॉडीज और लो लाइन एरिया को यथावत रखा गया है 

- इसमें 145.79 हेक्टेयर भूमि शामिल है जो कि कुल भूमि का 5.87% है

 

इस पूरे इलाके की करीब 20 गांवों की भूमि का लैंड यूज निर्धारित किया जाएगा . जेडीए एक्ट की धारा 25 के तहत जेडीए ने यहां विभिन्न जमीनों का अलग-अलग लैंड यूज़ प्रस्तावित किया है. आपको बताते हैं कि प्रमुख रूप से किन-किन गांवों की भूमि इस लैंड यूज प्लान में शामिल है और इस प्लान की खास बातें और क्या है

- बरखेड़ा, गोपीराम पूरा, रायपुरिया खुर्द, जयलालपुरा, शिवदासपुरा, 

- काठावाला, बिहारीपुरा,जुझारपुरा, यारलीपुरा, बाड़ा पदमपुरा, 

- बल्लूपुरा,नागलपुरा और धर्मपुरा आदि गांव की जमीन इस लैंड यूज प्लान में शामिल है

- इस 2413 हेक्टेयर भूमि के उत्तर पूर्वी भाग में जेडीए की भूमि सम्मिलित करते हुए औद्योगिक लैंड यूज प्रस्तावित किया गया है 

- टोंक रोड और टोंक रोड बाईपास पर सड़क की गहराई का डेढ़ गुना तक व्यावसायिक उपयोग निर्धारित किया गया है 

- शिवदासपुरा-बाड़ा पदमपुरा की 200 फीट सड़क के दक्षिण में 

- और टोंक रोड के पूर्व में मिश्रित भू उपयोग प्रस्तावित किए गए हैं 

- ताकि भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके 

- इलाके का विस्तृत रोड नेटवर्क प्लान तैयार किया गया है 

- इसके तहत 60 फीट से लेकर 300 फीट चौड़ी सड़कें प्रस्तावित की गई है

- 80 फीट और इससे अधिक चौड़ी सड़कों की चौड़ाई के आधे तक सेक्टर व्यावसायिक भू उपयोग प्रस्तावित किया गया है