जयपुर: सीएस उषा शर्मा ने मिलेट्स यानी मोटा या पोषक अनाज के फायदे और गुणों के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को बताकर जागरूक करने के निर्देश दिए हैं. इसे लेकर सचिवालय में हुई बैठक में उन्होंने कहा कि बाजरा उत्पादन में राजस्थान का देश भर में प्रथम और ज्वार उत्पादन में तीसरा स्थान है और राज्य के दक्षिणी जिलों के जनजातीय क्षेत्रों में सावां, कांगनी, कोदों, कुटकी जैसे मिलेट्स की भी खेती होती है.
उन्होंने बताया कि ज्वार और बाजरा मिलेट्स की खेती के लिए राज्य में बेहद अनुकूल जलवायु है. इनकी खेती के लिए पानी की कम आवश्यकता होती है और कीट व बीमारियों के प्रकोप से भी ये फसलें कम प्रभावित होती हैं. प्रमुख सचिव दिनेश कुमार ने बताया कि बजट में घोषित मिलेट्स मिशन के तहत खरीफ 2022 में बाजरा बीज के 8.32 लाख मिनी किट निःशुल्क वितरित किये गए.
मिलेटस उत्कृष्टता केंद्र जोधपुर में स्थापित किया जा रहा:
वहीं 5 करोड़ रुपये की लागत से मिलेटस उत्कृष्टता केंद्र जोधपुर में स्थापित किया जा रहा है. इसके साथ ही 100 प्राथमिक प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिए 40 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. मिलेट्स पोषण महत्व पर राज्य स्तरीय सेमीनार व् एग्रो प्रोसेसिंग पर कॉन्क्लेव आयोजित किया जायेगा जिसमें मिलेटस उत्पादक, कृषि व्यवसायी, स्टार्टअप, स्वयं सेवी संस्थाएं, कृषि वैज्ञानिक और अधिकारी संवाद कर ठोस रणनीति तैयार करेंगे. इसके अलावा जिला स्तर पर सेमीनार और ग्राम पंचायत स्तर पर ग्रामसभाओं का आयोजन और स्कूलों में व्याख्यान भी आयोजित किये जाएंगे.