जयपुर : प्रदेश के स्मारकों में पर्यटकों की घटती संख्या टूरिज्म ट्रेड के लिए खतरे की घंटी है. राइजिंग राजस्थान और आईफा जैसे बड़े आयोजनों को लेकर संतुष्ठ और व्यस्त टूरिज्म ट्रेड इस खते से अनजान है या फिर अनजान बन रहा है. हालात नहीं सुधारे गए तो इस वर्ष स्मारकों में कहीं ज्यादा सूनापन दिखाई देगा. वर्ष 2023 के मुकाबले बीते वर्ष यानी 2024 में स्मारकों में 3 लाख 27 हजार 619 पर्यटक कम पहुंचे.
जाम से जलालत, विरासत से टूटता मोह !
- स्मार्ट सिटी के वर्स्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट की हालत अलार्मिंग
- राजधानी जयपुर के स्मारकों पर घटी पर्यटकों की संख्या
- वर्ष 2023 के मुकाबले 3 लाख 35 हजार 618 पर्यटकों की कमी
- आमेर, अल्बर्ट हॉल, जंतर मंतर और नाहरगढ़ में घटे पर्यटक
- बदहाल ट्रैफिक, लंबे जाम, बेतरतीब पार्किंग और लपकों ने बिगाड़ी छवि
- वर्ष 2023 में जयपुर के 8 स्मारकों पर आए थे 69 लाख 72 हजार 325 पर्यटक
- जबकि वर्ष 2024 में आए 66 लाख 36 हजार 707 सैलानी
- हालांकि विदेशी पर्यटकों की संख्या में 1 लाख 31 हजार 373 का इजाफा
- लेकिन घरेलू पर्यटकों की संख्या में 4 लाख 66 हजार 965 की कमी
- हवामहल ने बचाई लाज, वर्ष 2023 के मुकाबले 44 हजार 237 पर्यटक बढ़े
- लेकिन अकेले आमेर में 1 लाख 72 हजार 923 पर्यटकों की कमी चिंताजनक
- आमेर को 'नो व्हीकल जोन' नहीं किया तो चालू वर्ष में और कमी की आशंका
प्रदेश में अक्टूबर से लेकर मार्च तक पर्यटन का पीक सीजन माना जाता है. ऐसे में स्मारकों पर पर्यटकों की संख्या घटना निश्चित तौर पर अच्छे संकेत नहीं हैं. लगातार पर्यटन स्थलों के आसपास जाम के हालात, बदहाल यातायात व्यवस्था सहित कई कारण है जिनकी वजह से पर्यटक भीड़भाड़ से बचना चाहते हैं.
स्मारकों पर सुविधाएं बढ़ी, पर्यटक घटे !
- चालू वित्त वर्ष में पुरातत्व विभाग की पर्यटन से आय में कमी
- प्रदेश के 33 स्मारकों पर पर्यटकों की संख्या में 11 प्रतिशत की कमी
- सबसे ज्यादा आमेर में घटे पर्यटक,चित्तौड़ में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि
- पर्यटकों से मिले फीडबैक में कई खामियां हुई उजागर
- लपके, ट्रैफिक जाम, पार्किंग, कनेक्टिविटी, ऑनलाइन टिकटिंग सबसे बड़े कारण
- 33 स्मारकों में से 23 में पर्यटकों की आवक में गिरावट
- महज 10 स्मारक व संग्रहालय में ही आवक में हुई वृद्धि
- अलवर, भरतपुर, चित्तोड़, बीकानेर, झालावाड़, ईसरलाट, सिसोदिया रानी का बाग
- विद्याधर का बाग, रानी जी की बावड़ी, किराडू का मंदिर में पर्यटक बढ़े
प्रदेश के 33 में से 23 स्मारकों पर पर्यटकों की संख्या घटने से एक बात तो साफ है कि सरकार को जल्द ही पर्यटन स्थलों के आसपास यातायात व्यवस्था सुधारने होगी, पार्किंग को बेहतर करना होगा, लपका फ्री बनाना होगा क्षेत्र को, आमेर को नो व्हीकल जोन घोषित करना और ऑनलाइन टिकट में बार-बार सर्वर ठप हाने जैसी गड़बड़ी को ठीक करना होगा.
'रेंगती' राजधानी से पर्यटन हुए विमुख !
- परकोटे में स्थाई जाम, खराब पार्किंग व्यवस्था ने दिखाया आईना
- वर्ष 2024 में राजधानी से दूरी बनाते दिखे पर्यटक
- वर्ष 2024 में पिछले वर्ष की तुलना में घटे पावणे
- वर्ष 2023 में आए थे 69 लाख 72 हजार 325 पर्यटक
- जबकि वर्ष 2024 में आए 66 लाख 36 हजार 707 सैलानी
- पिछले वर्ष की तुलना में 3 लाख 27 हजार 619 पर्यटकों की कमी
- स्मारक और संग्रहालयों पर बेहतर व्यवस्था के बाद भी कम हो रहे पर्यटक
- पार्किंग, ट्रेफिक में सुधार जरूरी, लपका फ्री राजधानी बने तब सुधरें हालात
प्रदेश में पुरातत्व विभाग के 33 स्मारक और संग्रहालय हैं. इनमें आने वाले 75 फ़ीसदी से अधिक पर्यटक सिर्फ राजधानी जयपुर के पर्यटन स्थलों पर आते हैं. इसलिए जरूरी है कि आमेर सहित जयपुर के पर्यटन स्थलों के आसपास के बफर जोन को दुरुस्त किया जाए. आमेर को तो नो व्हीकल जोन घोषित करना जरूरी हो गया है. विश्व विरासत और जयपुर के एंट्री गेट आमेर का आकर्षण कम हो रहा है. ऐसा लगता है गुलाबी नगर के पांच प्रमुख स्मारकों को बदइंतजामी की नजर लग गई है. आमेर में सर्वाधिक 1 लाख 72 हजार 923 पर्यटक इस बार कम आए. वाहनों की चिल्ल पौं, लंबा जाम, ऑनलाइन टिकटिंग का बार बार ठप होता सर्वर, बेतरतीब पार्किंग, एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड न होना, खतरनाक ट्रैफिक और आमेर के बफर में लगातार बढ़ता प्रदूषण और लपकों का आतंक अलार्मिंग है.
वर्ष 2023 में आमेर 20 लाख 62 हजार 273 पर्यटक आए तब जबकि वर्ष 2024 में महज 18 लाख 89 हजार 350 सैलानी ही आए. राजधानी के प्रमुख स्मारकों में पर्यटकों की घटती संख्या के आंकड़ों पर नजर डालें तो 3.27 लाख से ज्यादा पर्यटक कम आए. आमेर में 1 लाख 72 हजार 923 पर्यटक इस बार कम आए, अल्बर्ट हॉल आने वाले 1 लाख 6 हजार 110 पर्यटक कम पहुंचे. जंतर मंतर आने वाले पर्यटकों की संख्या में 69 हजार 767 की कमी दिखी.
नाहरगढ़ 49 हजार 107 कम आए. हवामहल ने जरूर आशा जगाई यहां 44 हजार 237 पर्यटक बढ़े. खास बात यह है कि राजधानी में एक वर्ष में विदेशी पर्यटकों की संख्या में 1 लाख 31 हजार 347 की वृद्धि हुई है लेकिन घरेलू पर्यटकों की संख्या में 4 लाख 66 हजार 965 की कमी आई है. इससे साफ है कि हिंदुस्तानी पर्यटक अब राजस्थान से दूरी बना रहे हैं जोकि ट्रैवल ट्रेड के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं.