भरतपुर: 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर सैनी और कुशवाह समाज के लोगों ने भरतपुर जयपुर हाइवे पर जाम लगा दिया. प्रदर्शनकारियों ने हाइवे पर ही डेरा डाल दिया. हाइवे पर जाम लगते ही सड़क के दोनों ओर कई किलोमीटर तक वाहनों की कतारें लग गई. सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़ हाइवे खुलवाने का प्रयास किया. जिससे एक बार तो लोग मौके से हट गए लेकिन थोड़ी ही देर बाद बड़ी संख्या में लोग दोबारा सड़क पर आ गए.
बाद में पुलिस ने रास्ते को डाइवर्ट करवाया. घटना के बाद से ही आईजी गौरव श्रीवास्तव, SP श्याम सिंह और जिला कलेक्टर आलोक रंजन लगातार प्रदर्शनकारियों से वातालाप कर रहे हैं लेकिन अभी तक कोई समाधान नही निकल पाया. इसी बीच, भरतपुर जिला प्रशासन ने अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए जिले की नदबई, वैर और भुसावर तहसील में 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी है.
भरतपुर के संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा ने कहा कि आंदोलन जारी है. हमने वैर, नदबई और भुसावर सहित तीन तहसीलों में 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया है. पुलिस ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम से बचने के लिए सेवर चौराहे से यातायात दूसरे रास्ते से निकाला जा रहा है. समुदाय के लोगों ने सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण की मांग को लेकर शुक्रवार को जयपुर-भरतपुर राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम करने की घोषणा की थी.
कई लोगों ने हंगामा किया और पुलिस पर पथराव किया:
आंदोलन को देखते हुए पुलिस ने राजमार्ग से जुड़े बल्लभगढ़, हलैना, वैर, अरौंदा, रमासपुर गांवों की सड़कों को सुबह से ही अवरुद्ध कर दिया, ताकि आंदोलनकारी राजमार्ग तक न पहुंच सकें. हालांकि, कई लोगों ने हंगामा किया और पुलिस पर पथराव किया और पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े. माली समुदाय अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के अंतर्गत आता है और वह अब अलग से 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहा है. गौरतलब हो कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी माली समुदाय से आते हैं. जयपुर में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निदेशक हरिमोहन मीना की अध्यक्षता में शुक्रवार को अंबेडकर भवन स्थित निदेशालय के सभागार में सैनी, माली और कुशवाह समाज के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता की गई.
प्रतिनिधियों को उनकी मांगों से उच्च स्तर को अवगत कराने के लिए आश्वस्त किया:
सरकारी बयान के अनुसार बैठक में सैनी समाज के प्रतिनिधियों द्वारा 12 प्रतिशत आरक्षण, अलग से लव-कुश कल्याण बोर्ड के गठन, समाज के बच्चों के लिए छात्रावास सुविधा आदि की मांग की गई. मीना ने उन्हें बताया कि उनकी पिछली मांगों में से राज्य सरकार द्वारा दो मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई करते हुए महात्मा ज्योतिबा फूले कल्याण बोर्ड का गठन किया गया और 19 अप्रैल को महात्मा ज्योतिबा फूले दिवस पर राजकीय अवकाश घोषित कर चुकी है. मीना ने प्रतिनिधियों को उनकी मांगों से उच्च स्तर को अवगत कराने के लिए आश्वस्त किया. इस समुदाय ने इससे पहले जून, 2022 में भी इसी तरह का विरोध प्रदर्शन किया था, जिसे आश्वासन के बाद शांत किया गया था.