झालावाड़: जिले में काला सोना यानी अफीम की खेती पूरे परवान पर है. अब अफीम की खेती में डोडे पर चीरा लगाना शुरू हो गया है. लेकिन इसी बीच अब किसानों के सामने कई तरीके की परेशानियां खड़ी हो रही है. आपको इस बारे में जानरक हैरानी होगी कि अफीम की खेती करने वाले किसान अपने पूरे परिवार के साथ तोते उड़ाने में लगे हुए हैं. सुबह 5 बजे से शाम 7 बजे तक खेतों में चारों तरफ खड़े होकर तोते उड़ाने के काम ने उनको परेशान कर रखा है.
झालावाड़ जिले मे खेतों में अफीम के डोडे पूरे परवान पर है. इसके चलते चीरा लगाने का काम जारी है जिससे दूध अफीम के रूप में निकलता है. फिर उसे इकट्ठा किया जाता है. जब तक इस अफीम की तुलाई नहीं हो जाती उनकी मुसीबत कम नहीं होती. इसी के चलते किसानों के चोरों का खतरा, जानवरों का खतरा व इनसे भी बड़ा खतरा नसेड़ी तोतो से हैं. जो बड़ी संख्या में आते हैं और पलक झपकते ही पूरा डोडा ले जाते हैं.
किसानों की मेहनत पर पानी फिर रहा:
इसके बाद अफीम के सेवन से तोता नसेड़ी हो जाता है. उसके बाद वो लगातार अफीम के खेतों पर हमला कर डोडो को चट कर जाते हैं. जिससे किसानों की मेहनत पर पानी फिर रहा है. इसी के चलते किसान परिवार रात दिन इनकी रखवाली में लगे रहते हैं. अफीम की पैदावार किसानों के लिए जहां वरदान है तो वहीं मुसीबत भी कम नहीं है. पूरी सतर्कता से इस फसल की पैदावार की जाती है जरा सी चूक भी भारी पड़ जाती है.