June Grah Gochar 2023: जून में कई बड़े ग्रहों का होगा राशि परिवर्तन, इन राशियों की चमकने जा रही है किस्मत

जयपुर: जून महीने में कई बड़े ग्रहों का राशि परिवर्तन होने वाला है और सबसे पहले ग्रहों के राजकुमार बुध 7 जून को मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में गोचर करेंगे और फिर 24 जून को वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में गोचर करेंगे. इनके अलावा ग्रहों के राजा सूर्य भी 15 जून को वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में गोचर करेंगे. इसके बाद न्याय के देवता शनि 17 जून को अपनी ही राशि में वक्री करेंगे. वैदिक ज्योतिष के अनुसार सभी नौ ग्रह एक नियमित और निश्चित अंतराल पर हर माह अपनी राशि बदलते हैं.

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि जून का महीना ग्रहों के राशि परिवर्तन के लिहाज से बहुत ही खास रहने वाला है. जून माह में कई महत्वपूर्ण और बड़े ग्रहों का राशि परिवर्तन होगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब-जब ग्रहों का राशि परिवर्तन होता है तो इसका व्यापक असर सभी राशियों के जातकों पर पड़ता है. जून के महीने में 5 प्रमुख ग्रहों का राशि परिवर्तन देखने को मिलेगा. ऐसे में कुछ राशियों के लिए इन ग्रहों का परिवर्तन बहुत ही शुभ रहने वाला होगा. 

बुध का वृषभ राशि में गोचर:
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि जून के महीने में सबसे पहले बुद्धि वाणी के कारक ग्रह बुध का गोचर होगा. 7 जून को बुध बृषभ राशि में गोचर करेंगे. वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी किसी की कुंडली में बुध शुभ भाव में होते हैं यह व्यक्ति को तेज बुद्धि, अच्छी सफलता और जीवन में मान-सम्मान दिलाते हैं. बुध 7 जून 2023 को वृषभ राशि में गोचर करेंगे.

सूर्य का मिथुन राशि में गोचर: 
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य हर एक माह में अपनी राशि बदलते हैं. सूर्य के राशि बदलने को संक्रांति कहा जाता है. सूर्य 15 जून को वृषभ राशि की यात्रा को विराम देते हुए मिथुन राशि में गोचर करेंगे. वैदिक ज्योतिष में सूर्य को आत्मा, मान-सम्मान, नेतृत्व कौशल और धन के कारक होते हैं. 

शनि कुंभ राशि में वक्री: 
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि सभी 9 ग्रहों में शनि सबसे धीमी चाल से चलने वाले ग्रह हैं इस कारण से इसका शुभ-अशुभ प्रभाव जब भी जातकों के ऊपर पड़ता है उसका प्रभाव ज्यादा देर तक रहता है. शनिदेव अभी अपनी स्वयं की राशि कुंभ में विराजमान है और 17 जून को कुंभ राशि में वक्री हो जाएंगे. 17 जून 2023 को शनि कुंभ राशि में वक्री चाल से चलेंगे. शनि की टेढ़ी चाल चलने से कुछ राशि के जातकों के ऊपर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. 

वृषभ राशि में बुध अस्त: 
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि 21 जून को वृषभ राशि की यात्रा के दौरान अस्त हो जाएंगे. वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब कोई ग्रह अस्त होता है तब इसका अपना कारतत्व और प्रभाव कुछ दिनों के लिए मंद पड़ जाता है. यानी कोई भी ग्रह अस्त अवस्था में अपनी शक्तियां सूर्य के नजदीक आने पर खो देता है. ऐसे में बुध के अस्त होने पर कुछ राशि वालों के लिए आने वाला समय अच्छा नहीं रहेगा.

बुध का मिथुन राशि में गोचर:
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि 24 जून को बुध मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे. बुध के शुभ प्रभाव से व्यक्ति की तार्किक क्षमता और वाणी का कौशल काफी बढ़ जाता है. बुध ग्रह को दो राशियां का स्वामित्व प्राप्त है. कन्या और मिथुन राशि के स्वामी बुध ग्रह होते हैं. कन्या राशि में बुध उच्च के और मीन राशि में नीच के होते हैं. 

राशियों पर प्रभाव
शुभ प्रभाव - वृषभ, सिंह और धनु राशि
अशुभ प्रभाव -  मेष, मिथुन, कर्क, वृश्चिक, कुंभ 
मिलाजुला प्रभाव - कन्या,  धनु , मकरऔर मीन

ग्रहों के गोचर का प्रभाव:
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि बीमारियों के इलाज में भी नए-नए आविष्कार होंगे. नई-नई दवाइयां और तकनीक विकसित होगी. सत्ता संगठन में बदलाव होंगे. पूरे विश्व में सीमा पर तनाव शुरू हो जायेगा. देश में आंदोलन, हिंसा, धरना प्रदर्शन हड़ताल, बैंक घोटाला, वायुयान दुर्घटना, विमान में खराबी, उपद्रव और आगजनी की स्थितियां बन सकती है. प्राकृतिक आपदा के साथ अग्नि कांड भूकंप गैस दुर्घटना वायुयान दुर्घटना होने की संभावना.  पूरे विश्व में राजनीतिक अस्थिरता यानि राजनीतिक माहौल उच्च होगा. रोजगार के क्षेत्रों में वृद्धि होगी. आय में बढ़ोतरी होगी. देश की अर्थव्यवस्था के लिए शुभ रहेगा. खाने की चीजों की कीमतें सामान्य रहेंगी. मनोरंजन फिल्म खेलकूद एवं गायन क्षेत्र से बुरी खबर मिलेगी. बड़े नेताओं का दुखद समाचार मिलने की संभावना. 

करें पूजा-पाठ और दान:
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि ग्रहों के अशुभ असर से बचने के लिए हनुमानजी की पूजा करनी चाहिए. हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करें. भगवान शिव और माता दुर्गा की आराधना करनी चाहिए. महामृत्युंजय मंत्र और दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए. हं हनुमते नमः, ऊॅ नमः शिवाय, हं पवननंदनाय स्वाहा का जाप करें. ईश्वर की आराधना संपूर्ण दोषों को नष्ट एवं दूर करती है.