Didwana: आज मनाया जा रहा है कारगिल विजय दिवस, आज ही के दिन भारत में जीता था कारगिल युद्ध

Didwana: आज मनाया जा रहा है कारगिल विजय दिवस, आज ही के दिन भारत में जीता था कारगिल युद्ध

डीडवाना: वर्ष 1999 में हुए कारगिल युद्ध में सेना ने करीब 600 जवानों की शहादत के बाद करगिल क्षैत्र से घुसपैठियों को खदेड़ दिया था. कारगिल युद्ध में नागौर जिले से भी 7 जवानो ने देश के लिए अपनी शहादत दी थी. करगिल का ऑपरेशन विजय खत्म होने के बाद सेना ने कश्मीर में छिपे बैठे आतंकियों को खत्म करने के लिये ऑपरेशन रक्षक लॉन्च किया. जिसमें भी सेना के जवानों ने अपना अदम्य साहस दिखाया और सैंकड़ों आतंकियों को खत्म कर देश की हिफाजत की. इसी विजय की याद में आज डीडवाना के जिला सैनिक कल्याण कार्यालय में कारगिल विजय दिवस मनाया गया. 

इस अवसर पर करगिल युद्ध में शहीद होने वाले सेना के जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई साथ ही 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के छक्के छुड़ाने वाले भारतीय सेना के टैंक टी 55 के समक्ष भारत माता के जयकारे भी लगाए गए. इस अवसर पर डीडवाना विधायक चेतन डूडी ने कहा कि करगिल सहित विभिन्न युद्ध में भाग लेने वाले पूर्व सैनिकों और शहीदों की वीरांगनाओं का सम्मान किया. साथ ही कहा कि विजय दिवस पर आज हम उन शहीदों को नमन कर रहे है, जिन्होने माँ भारती के लिए अपनी जान की कुर्बानी दी है. राठौड़ ने कहा कि देश के लिए जीते सभी है, लेकिन एक सैनिक का जीवन अनेक दुश्वारियों से गुजर के भी राष्ट्र के प्रति समर्पित रहता है. यही बड़ी वजह है कि सैनिकों के सम्मान में हम सब हमेशा आदर भाव से खड़े रहते है.

जबकि जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल राजेन्द्र सिंह ने कहा कि 26 जुलाई 1999 के दिन हमारी सेना के जाबांजो ने विश्व की छाती पर एक ऐसा हस्ताक्षर कर दिया कि आने वाली नस्ले भारतीय जाबांजो के हौसलों की कहानियाँ अपने बच्चों को सुनाया करेगी. उन्होंने कहा कि युद्ध हमारी प्राथमिकता में कभी नही रहा, परन्तु युद्ध से मुंह मोड़ लेना भी हमारी फितरत में नही है और यह हमने 55 दिनों के अथक संघर्ष के बाद पाकिस्तानी सेना ओर घुसपैठियों को एक बार फिर अहसास करवा दिया कि वो हमसे कभी भी नही जीत सकते. इस मौके पर अनेकों पूर्व सैनिक मौजूद रहे.