कोलकाता: केएल राहुल को वनडे में विकेटकीपर-बल्लेबाज की दोहरी भूमिका निभाने के लिये कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है लेकिन उन्हें इसके लिये कोई शिकायत नहीं है क्योंकि उनकी प्राथमिकता अंतिम एकादश में बने रहना है.
टेस्ट में राहुल भारत के लिये नियमित रूप से सलामी बल्लेबाज के स्थान पर खेलते हैं. लेकिन अब चोटिल ऋषभ पंत की अनुपस्थिति में उन्हें विकेटकीपिंग की भूमिका निभानी पड़ रही है और साथ ही उन्हें बल्लेबाजी क्रम में भी पांचवें नंबर पर उतारा जा रहा है क्योंकि शुभमन गिल सलामी बल्लेबाज के तौर पर खेल रहे हैं.
राहुल ने कहा कि टीम इस बारे में काफी स्पष्ट है कि वह उनसे क्या भूमिका चाहते हैं. उन्होंने यहां श्रीलंका के खिलाफ दूसरे वनडे में जीत से तीन मैचों की श्रृंखला जीतने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि निश्चित रूप से, मैंने यह अब करीब दो साल तक ऐसा किया है. 2019 के अंत से पूरे 2020 तक और 2021 में भी कुछ मैचों में भी.
उन्होंने कहा कि टीम ने मुझे इस स्थान पर और इस भूमिका में रमने के लिये समय दिया है. जब आपको अपने कप्तान और कोच का साथ मिले तो इससे आपको फोकस करने में मदद मिलती है और टीम भी यही चाहती है. राहुल ने कहा कि हां, मैं अन्य प्रारूपों में जो करता हूं, यह उससे अलग है जिससे मैं हमेशा सतर्क रहता हूं, इससे मुझे चुनौती मिलती है, यह अलग भूमिका है जिससे मुझे अपना खेल बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलती है.
मुझे थोड़ा अलग करना पड़ रहा:
राहुल को इस अतिरिक्त जिम्मेदारी के लिये अपनी फिटनेस पर कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है. उन्होंने कहा कि मुझे थोड़ा अलग करना पड़ रहा है क्योंकि मुझे मध्यक्रम में बल्लेबाजी के लिये आना होता है. विकेटकीपिंग और बल्लेबाजी शरीर के लिये थोड़े ज्यादा थकाऊ हो सकती है क्योंकि मैंने यह ज्यादा लंबे समय के लिये नहीं किया है. मैंने सफेद गेंद के क्रिकेट में यह कभी कभार ही किया है. सोर्स- भाषा