जयपुर: राजधानी के आगरा रोड पर भू-माफिया बेलगाम हो रखे हैं. वे ईकोलॉजिकल जोन में भी अवैध कॉलोनियों काटने से बाज नहीं रहे हैं. साथ ही अवैध आवासीय कॉलोनी की आड़ में अवैध कॉमर्शियल बाजार भी बसाने में लगे हैं.
अवैध कमर्शियल और आवासीय कॉलोनी काटने का मामला जयपुर आगरा रोड से सटे कानोता में मैन सामरिया रोड कानोता स्टेशन पर सामने आया है, जहां अवैध रुप से बसाए जा रहे नरेन्द्र मोहन नगर में भू-माफियाओं ने भूखंडों से ज्यादा कॉमर्शियल शॉप्स काट रखी है.
-ईकोलॉजिकल जोन में आ रही इस कॉलोनी के नक्शे में 370 आवासीय भूखंड रखे हैं
-तो 480 कॉमर्शियल दुकानें बेचने के लिए रखी है
-पहाडग़ंज गृह निर्माण सहकारी समिति जयपुर के बैकडेट में पट्टे देकर यह अवैध कॉलोनी बसाई जा रही है
-यह कॉलोनी जयपुर के दो रसूखदार परिवार के लोगों की जमीन पर बसाई जा रही हैं
-जिनमें से एक जयपुर के नामचीन पूर्व ठिकानेदार हैं तो दूसरा प्रभावशाली राजनीतिक परिवार है
-इस अवैध कॉलोनी के बसाने व बेचने में स्थानीय भू माफिया भी है, जिनमें से एक तो पटवारी के नाम से ख्यातनाम है
-अवैध कॉलोनी बसाने में रसूखदार परिवारों व व्यक्तियों के चलते शिकायतों के बावजूद नहीं की जा रही कोई कार्रवाई
- रसूख के चलते जेडीए के ज़ोन 13 के जोन कार्यालय और प्रवर्तन शाखा बेबस दिख रहे है. इस अवैध कॉलोनी की शिकायतों के बावजूद जेडीए कार्रवाई नहीं कर रहा है
इस अवैध योजना में मुंह मांगे दामों पर आवासीय और व्यावसायिक भूखंडों को बेचा जा रहा है यहां भूखंडों के खरीदारों के लिए पर पार्क और अन्य सुविधाएं नहीं छोड़ी गई है.
-करीब पच्चीस बीघा जमीन पर यह कॉलोनी है,
-जिसकी एन्ट्री दो सौ फीट मैन सामरिया रोड कानोता स्टेशन से हैं
-तो दूसरा छोर एक सौ फीट सामरिया जीतावाला रोड पर है
- सर्वाधिक दुकानें भी दो सौ व एक सौ फीट सड़क पर ही है
- कॉलोनी में 88 वर्गगज, 100, 122, 133 वर्गगज के 370 भूखंड हैं
-सड़क सीमा के हिसाब से आवासीय भूखंड 20 हजार से 30 हजार रुपये प्रति वर्गगज के हिसाब से बेचे जा रहे हैं
-दो सौ और सौ फीट सड़क पर भूखंड़ों की कीमत 30 हजार रुपये प्रति वर्गगज है
-तो तीस फीट सड़क पर भाव 20 हजार रुपये प्रति वर्ग गज हैं
-200 फीट सड़क पर एक दुकान की कीमत 25 लाख रुपये रखी है
-100 फीट सड़क पर दुकान के भाव 20 लाख हैं
-तो साठ फीट सड़क पर 15 लाख व चालीस फीट सड़क पर 10 लाख रुपये दुकान के भाव हैं
-ए ब्लॉक में 243 शॉप्स हैं तो बी ब्लॉक में 111 और बिना ब्लॉक वाली 126 दुकानें हैं.
- भू माफिया ने महंगे दामों पर नरेन्द्र मोहन नगर के नाम से आवासीय व कॉमर्शियल कॉलोनी तो बसा दी
-लेकिन लोगों की मूलभूत सुविधाओं पर कोई ध्यान नहीं रखा है
-यहां पार्किंग, पार्क, सीवरेज जैसी सुविधाएं नहीं रखी
-पानी के लिए पेयजल टंकी नहीं है और नहीं सड़क है.
-मोरम की सड़क है, जो जगह-जगह से उखड़ी हुई है
-कुछ जगह तो गहरे गडढे हैं, जहां अभी भी बरसाती पानी भरा हुआ है