जयपुर: सचिन पायलट के प्रेसवार्ता बुलाकर पिछली वसुंधरा सरकार पर भ्रष्टाचार और घोटालों के आरोप लगाते हुए जांच की मांग करने पर बीजेपी की ओर से विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने सियासी पलटवार किया है. उन्होंने बयान देते हुए कहा कि सचिन पायलट ने लंबे समय बाद चुप्पी तोड़ी है. लेकिन वो कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाना साध रहे हैं. इस सरकार पर भ्रष्टाचार के सवाल खड़े हुये है.
ऐसे में सचिन कोयला खरीद से लेकर अन्य घोटालों पर क्यों नहीं बोले. बाल विकास में पोषाहार घोटाले पर क्यों नहीं बोले. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने माथुर कमीशन बनाया था. पूर्व सीएम के कार्यकाल को घसीटना राजनीति से प्रेरित है. हमें पूरी आशा है वीर गुर्जर खड़े हो गये हैं अब अंतिम लड़ाई लड़ेंगे. इसके साथ ही उन्होंने सचिन की तारीफ करते हुए कहा कि उनके आलाकमान के निर्णय को खुली चुनौती दे रखी है. सचिन आलाकमान के दूत आये थे तो उस प्रकरण को भी याद कर लेते.
कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार के मामलों की भी निष्पक्ष जांच की मांग उठानी चाहिए थी:
राठौड़ ने कहा कि सचिन पायलट को पूर्ववर्ती भाजपा शासन पर अनर्गल आरोप लगाने की बजाय अपनी ही कांग्रेस सरकार के 4 साल 4 महीने के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार के मामलों की भी निष्पक्ष जांच की मांग उठानी चाहिए थी. लेकिन दुर्भाग्य रहा कि उन्होंने अपनी ही सरकार के काले कारनामों पर एक शब्द भी नहीं बोला.