जयपुर: राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Legislative Assembly) में बजट सत्र (Budget Session) के आखिरी दिन चर्चा करते हुए नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने पेपर लीक का मामला भी उठाया. उन्होंने कहा वसुंधरा राजे सरकार के वक्त हमसे एक पेपर लीक ज्यादा हुए थे. पूरे देश में सभी जगह पेपर लीक हो रहे हैं. लेकिन इस पर हम केवल आरोप प्रत्यारोप कर रहे हैं. इससे होगा क्या. राजस्थान ने पेपर लीक मामले सबसे कड़ा कानून बनाया है. हमने पेपर लीक मामले (Paper Leak Case) में आजीवन कारावास का प्रावधान किया था. एसओजी के इसमें आने से 150 लोगों को हमने भी गिरफ्तार किया. 150 लोगों को आपने भी गिरफ्तार किया. लेकिन ये मछलियां है. लेकिन हमें मिलकर मगरमछ को पकड़ना होगा. हम चाहें एक दूसरे पर जीतने आरोप लगा लें लेकिन हमें मुख्य लोगों को पकड़ना जरूरी है.
टीकाराम जूली ने कहा पानी की समस्या दशकों से राजस्थान में चल रही है. लेकिन इस पर जरूरी है कि सही कदम उठाया जाए. राजस्थान में बारिश होती है लेकिन हमने कभी इसे संचित करने की योजना नहीं बनाई. जबकि बारिश का पानी बह कर दूसरे राज्यों में जा रहे हैं. अगर बिजली के लिए सोलर को ढंग से इस्तेमाल किया जाए तो हमें बिजली भी मिलेगी और इससे पानी का वाष्पीकरण भी कम होगा. उन्होंने ERCP के बारे में भी कहा कि यह योजना बीजेपी की थी लेकिन फिर भी केंद्र ने इसे लटकाए रखा. अब बीजेपी की सरकार आई तो MOU किया गया. लेकिन 6 महीने बीत गए लेकिन अब तक MOU कहां है, इसे सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया. क्योंकि आपने मध्य प्रदेश के आगे राजस्थान के हितों को गिरवी रख दिया है.
4 लाख नौकरी कैसे देगी सरकार:
टीकाराम जूली ने राजस्थान में नौकरी की घोषणा पर सवाल खड़ा किया. उन्होंने कहा कि सरकार ने चार लाख नौकरी की घोषणा की. जबकि राजस्थान में 8 लाख नौकरियां है तो फिर 5 साल में 4 लाख नौकरी कैसे देंगे. इससे पहले कहा गया कि 70 हजार नौकरी दे दी गई है लेकिन इसकी विज्ञप्ति कहां है पता नहीं. अब इस साल 1 लाख नौकरी देने की बात कही जा रही है तो इसकी विज्ञप्ति कहां है. 70 हजार नौकरी देने में आपने कितनों को नियुक्ति पत्र दिया इसका आंकड़ा कहां है. जबकि इसमें हमारी सरकार के आंकड़े भी शामिल हैं.
गरीबों तक इंटरनेट कैसे पहुंचे यह सोचना जरूरी
नेता प्रतिपक्ष ने इंटरनेट का मुद्दा उठाया और सरकार से पूछा की इंटरनेट पर हमने क्या प्लान किया है. क्योंकि गरीब लोगों को मुफ्त इंटरनेट मिलना जरूरी है. कांग्रेस ने इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना चलाई थी जिसे बंद कर दिया गया जिसमें मुफ्त इंटरनेट की सुविधा थी. इस योजना का उद्देश्य ही गरीब लोगों के पास इंटरनेट पहुंचाना था. लेकिन आज मुफ्त इंटरनेट तो मिलना मुश्किल हो गया है.