जयपुर: नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में छात्रसंघ चुनाव राजनीति की पहली सीढ़ी हैं. मैं भी आज जिस मुकाम पर हूं वह छात्र राजनीति की बदौलत हूं. सरकार का छात्रसंघ चुनावों पर रोक का फैसला कुठाराघात है. छात्र हितों की आवाज बुलंद करने वाले नेताओं के भविष्य पर कुठाराघात है.पिछले छात्रसंघ चुनाव में कांग्रेस का छात्र संगठन NSUI का बुरा हाल हुआ है. एक भी प्रत्याशी किसी विश्वविद्यालय में नहीं जीता था. इस बार भी विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों में NSUI के हारने की संभावना थी. संभावित हार से बचने के लिए छात्रसंघ चुनाव पर रोक लगाई है.
#Jaipur: नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा
— First India News (@1stIndiaNews) August 13, 2023
'लोकतांत्रिक व्यवस्था में छात्रसंघ चुनाव राजनीति की पहली सीढ़ी, मैं भी आज जिस मुकाम पर हूं वह छात्र राजनीति की बदौलत, सरकार का छात्रसंघ...#RajasthanWithFirstIndia #RajasthanNews #ABVPRajasthan #NSUIRajasthan @ABVPRaj… pic.twitter.com/PXAbA5fVip
छात्र संघ चुनाव पर लगाई गई रोक पर भाजपा के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने कांग्रेस पर साधा निशाना है. अरुण सिंह ने कहा कि पिछले छात्रसंघ चुनाव में भी बहुत बुरी हार हुई थी. NSUI सब जगह चुनाव हारी थी. सरकार को मालूम है युवा इस वक्त परेशान है और वो सरकार के खिलाफ है. प्रदेश में 17 बार पेपर लीक हुए .
#Jaipur: भाजपा के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने कांग्रेस पर साधा निशाना
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छात्र संघ चुनाव पर लगी रोक पर बोले प्रभारी अरुण सिंह, कहा-'पिछले छात्रसंघ चुनाव में भी बहुत बुरी हार हुई थी, NSUI सब जगह चुनाव हारी थी...#RajasthanWithFirstIndia @ArunSinghbjp @NSUIRajasthan @aishwaryam99 pic.twitter.com/U1Ff0ciaZK
गौरतलब है कि राजस्थान में इस बार छात्रसंघ चुनाव नहीं होंगे. सरकार की ओर से देर रात आदेश जारी किए गए. लेकिन 2010 कांग्रेस की सरकार ने चुनावों को हरी झंडी दी थी, लेकिन एक बार फिर करीब 13 साल बाद छात्रसंघ चुनावों पर रोक लगी. छात्रसंघ चुनावों में धनबल, भुजबल का खुलकर प्रयोग होने, लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों का उलंघन होने का हवाला दिया गया. वहीं शिक्षण कार्य प्रभावित होने और नई शिक्षा नीति को लागू करने में असुविधा की बात कही.