सवाई माधोपुर में लगातार बारिश के बाद जनजीवन अस्त-व्यस्त, सूरवाल कस्बे में अब तक भरा है मुख्य मार्ग पर पानी,यातायात अवरुद्ध

सवाई माधोपुर: जिले में लगातार बारिश के बाद हालात अभी तक सामान्य नहीं हो पाए हैं. ग्रामीण इलाकों से लेकर कस्बों तक पानी से भरे रास्तों ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है. सूरवाल कस्बे का मुख्य मार्ग अब तक पानी में डूबा हुआ है, जिससे यातायात पूरी तरह अवरुद्ध है. वहीं, सवाई माधोपुर-दौसा मार्ग पर करीब 10 किमी तक पानी ही पानी फैला है. दर्जनभर गांवों के लोग घरों में कैद हैं और लोगों की दिनचर्या ठप हो गई है.

फिर से भारी बारिश का अलर्ट, चिंता में लोग:
बारिश की रफ्तार कुछ धीमी पड़ी है, लेकिन मौसम विभाग द्वारा फिर से भारी बारिश का अलर्ट जारी किए जाने के बाद लोगों की चिंता और बढ़ गई है. खासकर निचले इलाकों में बसे लोगों को प्रशासन से मदद की उम्मीद है.

त्रिनेत्र गणेश मेले की तैयारियों में जुटा प्रशासन:
बारिश के चलते सबसे ज्यादा असर 26 से 28 अगस्त तक होने वाले त्रिनेत्र गणेश वार्षिक मेले की तैयारियों पर पड़ा है. श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या पहले ही गणेश धाम की ओर पैदल रवाना हो चुकी है. ऐसे में उनकी राह सुचारु करने के लिए प्रशासन ने प्रयास तेज कर दिए हैं. जिला कलेक्टर कानाराम और खंडार विधायक जितेंद्र गोठवाल ने खुद गणेश धाम से मिश्र दर्रा होते हुए अमरकुंड तक पैदल निरीक्षण किया. बारिश से क्षतिग्रस्त हुए रास्तों को दुरुस्त करने के लिए PWD अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. इस दौरान ASP रामकुमार कस्वा, DSP उदय सिंह मीणा और वनपाल योगेश शर्मा भी मौजूद रहे. श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए रास्ता जल्द से जल्द सुचारु करने की कोशिशें की जा रही हैं.

बौंली क्षेत्र में भी भारी बारिश, 4 दिन में 228 मिमी बरसात:
उपखंड बौंली में भी लगातार बारिश का दौर जारी है. बीते 24 घंटे में 105 मिमी और कुल 4 दिनों में 228 मिमी वर्षा दर्ज की गई है. वर्ष 2025 के मानसून में अब तक 1125 मिमी बारिश हो चुकी है, जबकि सामान्य औसत बारिश 600 मिमी है. यानी लगातार दूसरे वर्ष भी यह आंकड़ा औसत से लगभग दोगुना हो चुका है. सवाई माधोपुर जिले में भारी बारिश से गांवों से लेकर शहर तक हालात बिगड़े हुए हैं. प्रशासन राहत और सुधार कार्यों में जुटा है, लेकिन चुनौती बड़ी है. वहीं, त्रिनेत्र गणेश मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए रास्ता जल्द सुचारु करना प्रशासन की बड़ी प्राथमिकता बन चुका है.