जयपुरः एकबार फिर एकमो मशीन "जीवनदायिनी" बनी है. सल्फास खा चुके युवक की SMS अस्पताल में जान बचाई गई है. मेडिकल क्षेत्र से जुड़े 34 वर्ष युवक ने 14 अप्रैल को विषाक्त खा लिया था. SMS अस्पताल के मेडिसिन विभाग में युवक को भर्ती कराया गया था. इस दौरान मरीज का रक्तचाप बहुत कम था और धड़कन बढ़ी हुई थी. जिसके चलते बिगड़ती हालत के बीच युवक को वेंटीलेटर पर लिया गया.
इसके बावजूद जब युवक की स्थिति में कोई सुधार नहीं दिखा. तो ऐसे में उसे सीटी सर्जरी विभाग में शिफ्ट करके ECMO मशीन पर लिया गया. मरीज को दो दिन तक कार्डियोपुलमनरीली बायपास पर रखा गया. फिर धीरे धीरे मशीन को कम करके मरीज़ के हृदय और फेफड़ों को मजबूत किया गया.
मरीज को कल मशीन से बाहर निकल दिया गया, जिसके बाद वो काफी स्वस्थ्य है. सीटी सर्जरी विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉ.अनिल शर्मा के नेतृत्व में डॉ सुनील दीक्षित, डॉ.मोहित शर्मा,डॉ.सौरभ मित्तल,डॉ.शेफाली गोयल, डॉ.अपूर्वा शाह, डॉ.वक्ता राम चौधरी और डॉ.गौरव मंगलम पांडेय ने मरीज की जिन्दगी बचाने की मुहिम में अहम योगदान दिया है.
इस तरह का ये पहला केसः
वहीं चिकित्सकों का दावा कि प्रदेश के किसी भी सरकारी अस्पताल में इस तरह का ये पहला केस है. हालांकि अच्छी बात ये रही कि हाल में ही मां योजना से ECMOट्रीटमेंट जोड़ा गया. जिससे इलाज फ्री हुआ.