लोकसभा चुनाव और प्रचार सामग्री का बाजार, नाममात्र की बिक्री से दुकानदार मायूस, देखिए खास रिपोर्ट

जयपुरः लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार जारी है. लिहाजा चुनाव प्रचार सामग्री की दुकाने भी सज चुकी है. इन दुकानों पर आपको हर सियासी दल के झंडे,दुपट्टे,टोपियां और बिल्ले सहित अन्य चुनाव प्रचार सामग्री मिल जाएगी. पर इस दफा नाममात्र की बिक्री होने के चलते दुकानदार मायूस है. दरअसल सोशल मीडिया के चलते यह कारोबार बहुत प्रभावित हुआ है. वहीं प्रचार सामग्री की बिक्री और डिमांड मामले में भी भाजपा कांग्रेस से आगे है..देखिए, हमारी यह रिपोर्ट.

राजस्थान में 25 लोकसभा सीटों की जंग को लेकर चुनाव प्रचार अब पीक पर है. लेकिन चुनाव प्रचार सामग्री से सजे बाजार में मायूसी है. इन दुकानों पर आपको वैसे तो हर प्रकार की प्रचार सामग्री मिल जाएगी. चुनावी मौसम में हर पार्टियों के झंडे,नेताओं के कटआउट,पोस्टर,पटका,बिल्ले,टोपी,टीशर्ट,मुखौटे,बैंड औऱ स्टीकर से ये दुकानें गुलजार है. लेकिन ग्राहकों के इंतजार में दुकानदारों के नजरें बस सड़क पर टिकी हुई है. इस कारोबार में तेजी से गिरावट आई सोशल मीडिया के दबदबे के चलते. सोशल मीडिया प प्रचार के चलते चुनाव सामग्री की डिमांड अब पहले जैसी नहीं रही. 

वहीं दुकानदारों का कहना है कि अब पार्टियां अपने स्तर पर भी प्रत्याशियों को झंडे सहित अन्य चुनाव सामग्री दे देती है. ऐसे में विधानसभा चुनाव के मुकाबले अब महज 10 फीसदी की खरीददारी हो रही है. हालांकि दुकानदारों का कहना है कि दो आईटम झंडे और दुपट्टों की जरुर बिक्री अच्छी हो रही है, लेकिन बाकी चीजों को कोई पूछने वाला नहीं रहा. वहीं चुनाव प्रचार सामग्री की डिमांड औऱ बिक्री मामले में भी भाजपा आगे है. मोदी टीशर्ट और मोदी के मुखौटों की सबसे ज्यादा डिमांड चल रही है.

वहीं कुछ दुकानदारों ने बदलते दौर में इस कारोबार को चलाने के लिए इनकी ऑनलाइन बिक्री भी शुरु कर दी है. वहीं चुनाव में अभी काफी वक्त बचा है. ऐसे में दुकानदारों का मानना है कि अंतिम चरण में जब रोड शो होंगे तब उम्मीद है प्रचार सामग्री की डिमांड होगी औऱ बिक्री भी बढेगी.