शिलांग : मेघालय सरकार ने मछली पालन को लेकर बड़ा फैसला लिया हैं. दरअसल सरकार ने नदी में पाई जाने वाली मछलियों की खेप के नमूनों की जांच में फॉर्मलीन पाए जाने के बाद बाहर से लाई गई मछलियों की बिक्री पर 15 दिन के लिए प्रतिबंध लगा दिया है. भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) आयुक्त आर.एम. कुर्बाह ने बृहस्पतिवार को जारी एक आदेश में कहा, ‘‘लोगों के स्वास्थ्य संबंधी हितों को ध्यान में रखते हुए बाहर से लाई गई मछली अथवा क्रस्टेशियन के संग्रहण, वितरण और बिक्री पर 15 दिन तक एंव अधिसूचना जारी होने की तारीख से पहले कोई सुधारात्मक कदम उठाए जाने तक रोक रहेगी.
खाद्य प्रयेगशाला में नमूनों की जांच जारी-
सरकार की तरफ बयान में कहा गया कि इस अधिसूचना का पालन नहीं करने पर कानून के अनुसार सात वर्ष तक की सजा और दस लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है. फॉर्मलीन रंगहीन द्रव है और इसका इस्तेमाल जैविक नमूनों को संरक्षित करने में किया जाता है. सभी जिलों से लिए गए 42 नमूनों में से 30 में फॉर्मलीन पाये जाने के बाद राज्य सरकार द्वारा ये फैसला लिया गया. फिलहाल राज्य की खाद्य प्रयेगशाला में नमूनों की जांच की जा रही है.
गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, असम तथा अन्य स्थानों से 21,000 मीट्रिक टन मछली राज्य में आती है. आपूर्ति विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य में वित्त वर्ष 2016-17 में 12,330 मीट्रिक टन मछलियों का उत्पादन हुआ था. जबकि मांग सालाना 33,000 मीट्रिक टन है.