रावतसर: रावतसर वन विभाग ने वन क्षेत्र में जिप्सम खनन माफियाओं पर आज तक की सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. रावतसर वन विभाग के अधीन आने वाले गांव बरमसर की वनभूमि से जिप्सम माफियाओं द्वारा रातों रात चोरी छुपे लाखों रूपए का जिप्सम अवैध रूप से खनन कर उसका परिवहन करते हुए अवैध तरीके से जिप्सम फैक्ट्रीयो में डालने का मामला सामने आया है. मिली जानकारी के अनुसार जिप्सम माफियाओं ने एलएनटी मशीन से वन विभाग की भूमि से रातों रात लाखों रूपए का जिप्सम निकाल कर डम्फरों की मदद से परिवहन कर फैक्ट्रीयो में डाल दिया.
अवैध रूप से वन भूमि से किए गए जिप्सम खनन की हाईट के अनुसार जिप्सम की लागत लगभग 25 से 30 लाख रूपए आंकी जा रही है. वन विभाग की भूमि से जिप्सम निकलने की सूचना के बाद रेंजर रणवीर मील अपनी टीम सहित मौके पर पहुंचे. वहीं पीलीबंगा व टिब्बी वन विभाग का गस्तीदल भी मौके पर पहुंचा व पूरे घटना स्थल का निरीक्षण किया. जहां एलएनटी मशीन की मदद से काफी दूरी में जिप्सम का खनन कर वाहनों से परिवहन किया हुआ मिला. जिस पर विभाग ने जिप्सम फैक्ट्रीयों का निरीक्षण किया गया.
नव भारत प्लास्टर फैक्ट्री में पड़ा हुआ मिला जिप्सम
जिस पर नव भारत प्लास्टर फैक्ट्री में जिप्सम पड़ा हुआ मिला. देर शाम डीएफओ हनुमानगढ मौके पर पहुंचे व पूरे मामले का निरीक्षण किया व सहायक वनपाल की लापरवाही पर तुरन्त प्रभाव से कार्रवाई करते हुए कार्यक्षेत्र के सहायक वनपाल को निलंबित कर उनका मुख्यालय हनुमानगढ़ किया गया. यहां खास बात यह भी है वर्षो से रावतसर रेंज में जमे बैठे रेंजर के विरुद्ध विभाग द्वारा कोई कार्रवाई अमल में ना लाना समझ से परे है अवैध रूप से जिप्सम चोरी करने के मामले में रेंजर रणवीरसिंह मील ने तीन जनों के खिलाफ वन अधिनियम में अलग अलग मामले दर्ज किए है.
विभाग द्वारा जिप्सम खनन में प्रयोग की गई मशीन व वाहनों की तलाश की गई शुरू
रेंजर रणवीरसिंह मील ने बताया कि लीज धारक लाखेरा निवासी केशुराम पुत्र साजन राम रिवेना का दुरुपयोग,नव भारत प्लास्टर बरमसर के खिलाफ वन भूमि से अवैध खनन करने व रावतसर निवासी हरिसिंह राहड़ पुत्र मनफूल राहड़ के खिलाफ एलएनटी मशीन से वनभूमि से अवैध रूप से खनन करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. विभाग द्वारा जिप्सम खनन में प्रयोग की गई मशीन व वाहनों की तलाश शुरू कर दी है. आपको बता दे की रावतसर क्षेत्र में जिप्सम माफियाओं के हौसले पिछले लंबे समय से बुलंद है.
जिप्सम माफिया चांदी कुटने में लगे हुए है
खनन विभाग के ढील मूल रवैए के चलते जिप्सम माफिया चांदी कुटने में लगे हुए है. शायद चांदी की खनक का कुछ हिस्सा खनन विभाग को कार्रवाई करने में आड़े आ रहा है. खनन विभाग जिप्सम माफियाओं पर खानापूर्ति के लिए कभी कभार छोटी मोटी कार्रवाई कर अपने कर्तव्य से इतिश्री करता दिखाई दे रहा है. यहां खास बात यह भी है की खनन विभाग ने मिलीभगत कर उन लोगो को लीज जारी कर रखी है जिनकी भूमि से पहले ही खनन हो चुका है.
खनन माफिया शिकायत कर्ता को भी डराने धमकाने से नहीं चूकते
जिप्सम खनन को लेकर उपखंड क्षेत्र के जागरूक लोगो ने अनेकों बार खनन विभाग के अधिकारियों को इस बाबत शिकायत की लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात . इतना ही नहीं खनन विभाग के अधिकारी शिकायत कर्ता का नाम गोपनीय रखने की जगह जिप्सम माफियाओं को बता देता है जिस पर खनन माफिया शिकायत कर्ता को डराने धमकाने से नही चूकते. अब बड़ा सवाल यह उठता है की जिप्सम माफिया किस की शह पर इतने बड़े स्तर पर इस अवैध कार्य को अंजाम दे रहे है. मेगाहाइवे किनारे दर्जनों की संख्या में जिप्सम फैक्ट्रिया स्थित है लेकिन आज तक किसी भी अधिकारी ने इनकी तरफ कोई ध्यान नहीं दिया.