जयपुर: मंगल गोचर कर्क राशि में 10 मई को होने जा रहा रहा है. इस राशि में मंगल 1 जुलाई तक रहेंगे. यानी कर्क राशि में मंगल 53 दिनों तक रहेंगे. मंगल को अग्नि तत्व की राशि बताया जाता है जबकि कर्क जल तत्व की राशि है जिसमें मंगल चंद्रग्रहण के बाद प्रवेश करेंगे. जिससे मौसम में बदलाव होगा और फिर देश के कई भागों में बरसात होगी. मंगल का शनि से षडाष्टक योग बनेगा. साथ ही राहु, गुरु बुध और सूर्य मंगल से दसवें घर में होंगे. इन स्थितियों में मंगल का यह गोचर कई विपरीत स्थितियों का कारण बनेगा लेकिन सौम्य राशि में गोचर होने से मंगल कई राशियों के लिए मंगलकारी भी रहेंगे.
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि वैदिक ज्योतिष में भूमि पुत्र मंगल को अग्नि का कारक कहा गया है इसलिए चन्द्रमा की राशि कर्क में जाकर वो नीच के हो जाते हैं. चन्द्रमा जल का कारक है और अग्नि जल का कोई मेल नहीं है इसलिए मंगल पूर्ण बलहीन होकर अपना कोई भी शुभ प्रभाव यहां नहीं देते हैं. मंगल 10 मई को कर्क राशि में प्रवेश करेंगे और 1 जुलाई तक यही विराजमान रहने वाले हैं. इस दौरान शनि से षडाष्टक योग भी बनेगा. मंगल का कर्क राशि में गोचर 10 मई 2023 की दोपहर 13:44 बजे होगा. इस दौरान मंगल बुध के स्वामित्व वाली मिथुन राशि से निकलकर चंद्रमा के स्वामित्व वाली कर्क राशि में प्रवेश करेंगे और यहां पर 1 जुलाई 2023 की प्रातः 1:52 बजे तक स्थित रहकर सूर्य के स्वामित्व वाली सिंह राशि में प्रवेश कर जाएंगे. मंगल के लिए कर्क राशि नीच राशि कहलाती है इसलिए मंगल का यह गोचर बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि मंगल व्यक्तिगत जीवन में साहस और पराक्रम प्रदान करते हैं. यह हमारी जीवन ऊर्जा को बढ़ाने वाले ग्रह हैं. इन्हीं के कारण हम किसी भी काम को पूरी शक्ति और सामर्थ्य के साथ कर पाते हैं. मंगल आपके साहस और संकल्प शक्ति का परिचायक हैं. मेष और वृश्चिक राशि मंगल की राशियां होती हैं. यह मकर राशि में अपनी उच्च अवस्था में और कर्क राशि में अपनी नीच अवस्था में माने जाते हैं. मुख्य रूप से मंगल का गोचर तीसरे भाव, छठे भाव, दसवें भाव और ग्यारहवें भाव में अधिक अनुकूल परिणाम प्रदान करता है. मंगल हमारे शरीर में मुख्य रूप से रक्त पर अपना प्रभाव रखते हैं. मानव जीवन में मंगल का अनुकूल होना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि यदि ऐसा न हो तो व्यक्ति बहुत परेशानियों में घिर जाता है. यदि मंगल मजबूत होकर गलत स्थिति में हों तो व्यक्ति अपराधी तक बन सकता है जबकि सही स्थिति का मजबूत मंगल व्यक्ति को सेना में भर्ती करा कर देश सेवा में तत्पर कर सकता है. मंगल के मजबूत होने से भूमि से संबंधित कामों में सफलता मिलती है और भूमि, भवन, मकान का लाभ प्राप्त होता है. यह विरोधियों को आप पर हावी नहीं होने देते हैं. मंगल के तीन मुख्य नक्षत्र मृगशिरा, चित्रा और धनिष्ठा हैं. मंगलवार के दिन यदि ये नक्षत्र पड़ें तो इन नक्षत्रों के दौरान मंगल का दान करना सर्वाधिक लाभदायक होता है.
शुभ-अशुभ प्रभाव:
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि प्राकृतिक आपदा के साथ अग्नि कांड भूकंप गैस दुर्घटना वायुयान दुर्घटना होने की संभावना. पूरे विश्व में राजनीतिक अस्थिरता यानि राजनीतिक माहौल उच्च होगा. पूरे विश्व में सीमा पर तनाव शुरू हो जायेगा. रोजगार के क्षेत्रों में वृद्धि होगी. आय में बढ़ोतरी होगी. देश की अर्थव्यवस्था के लिए शुभ रहेगा. खाने की चीजों की कीमतें सामान्य रहेंगी. मंगल-शनि षडाष्टक योग के कारण दुर्घटनाएं आगजनी आतंक और तनाव होने की संभावना. आंदोलन धरना प्रदर्शन हड़ताल, बैंक घोटाला, वायुयान दुर्घटना, विमान में खराबी, शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव होगा. राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप ज्यादा होंगे. सत्ता संगठन में बदलाव होंगे. मनोरंजन फिल्म खेलकूद एवं गायन क्षेत्र से बुरी खबर मिलेगी. बड़े नेताओं का दुखद समाचार मिलने की संभावना.
करें पूजा-पाठ और दान:
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि मंगल के अशुभ असर से बचने के लिए हनुमानजी की पूजा करनी चाहिए. लाल चंदन या सिंदूर का तिलक लगाना चाहिए. तांबे के बर्तन में गेहूं रखकर दान करने चाहिए. लाल कपड़ों का दान करें. मसूर की दाल का दान करें. शहद खाकर घर से निकलें. हं हनुमते नमः, ऊॅ नमः शिवाय, हं पवननंदनाय स्वाहा का जाप करें. हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करें. मंगलवार को बंदरों को गुड़ और चने खिलाएं.
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास से जानते हैं मंगल का कर्क राशि में गोचर का सभी 12 राशियों पर प्रभाव....
मेष: कार्यों में असफलता से तनाव. मेहनत बेकार जाएगी. अधिकारी नाराज होंगे.
वृष: संपत्ति को लेकर विवाद. अनिद्रा से शरीर में कमजोरी. पराजय का डर रहेगा. धन का नाश हो सकता है.
मिथुन: दुर्घटना की आशंका. बुखार तंग करेगा. फिजूल के कार्यों में धन का नाश.
कर्क: स्त्रियों, साझेदारों से कलह-क्लेष. आंखों में रोग हो सकता है. पेट में तकलीफ.
सिंह: शत्रुओं का नाश होगा. वाद-विवाद में जीत. सभी प्रकार के प्रयासों में सफलता. धन मिलेगा.
कन्या: संतान की परेशानियों से तनाव. नौकरी छूटने का भय. मित्रों-बंधुओं से उग्र व्यवहार के कारण परेशानी.
तुला: अनावश्यक भय रहेगा. नौकरी छूटने का भय. पेट की बीमारी आदि.
वृश्चिक: आपको लगातार सफलता मिलती रहेगी. रुका हुआ धन मिलेगा.
धनु: कठोर वाणी से विवाद हो सकता है. धन-हानि की आशंका. मानसिक भ्रम.
मकर: रक्त या अग्नि सम्बंधी बीमारी की आशंका. वाहन चोट से बचें. अनावश्यक जिद से काम खराब होंगे.
कुंभ: कार्ययोजना में बाधा आने की आशंका. मेहनत ज्यादा, फल कम. स्वभाव में अनावश्यक गर्मी से घर और परिवार में तनाव.
मीन: अचानक धन प्राप्त होगा. संतान की उपलब्धियों से मन प्रसन्न होगा. उच्च शिक्षा में लाभ. संपत्ति खरीद सकते हैं. पुरस्कार मिल सकता है.