जयपुर: राजधानी जयपुर की नामचीन यूनिवर्सिटी में फर्जी डिग्री देने का मामला सामना आया है इसका पर्दाफाश तब हुआ जब एक स्टूडेट्स की नौकरी दुबई लगी इसके बाद वो अपनी डिग्री वैरीफाई कराने के लिए सचिवालय पहुंचा तब उसे पता लगा कि जिस कोर्स में उसने डिग्री ली है उस कोर्स की मान्यता ही उस यूनिवर्सिटी के पास नहीं है मामले को लेकर हाईलेवल पर भी इसकी शिकायत की गई लेकिन अभी तक स्टूडेट्स दरदर की ठोकरे खाने को मजबूर है.
फर्जी डिग्री बांट रही जयपुर की नामचीन मणिपाल यूनिवर्सिटी
जिस कोर्स की मान्यता यूनिवर्सिटी के पास नहीं उसकी डिग्री दी जा रही स्टूडेट्स को
दुबई में एक स्टूडेट्स की नौकरी लगने के बाद मणिपाल यूनिवर्सिटी का फर्जीवाड़ा आया सामने
2014 में लिया था स्टूडेट्स ने वैचरल ऑफ डिजाइन मे प्रवेश
विदेश में नौकरी के बाद डिग्री वैरीफाई कराने जब स्टूडेट्स पहुंचा उच्च् शिक्षा विभाग
तब पता चला जिस कोर्स में डिग्री ली उसकी मान्याता ही नहीं
2014 में अजय सिंह खंगारोत नाम के स्टूडेट् ने जयपुर की मणिपाल यूनिवर्सिटी में वैचरल ऑफ डिजाइन में दाखिला लिया,चार साल के इस कोर्स के लिए लाखों रूपए की फीस भी स्टूडेट्स ने जमा कराई,सन 2018 में अजय सिंह को मणिपाल यूनिवर्सिटी की ओर से वैचरल ऑफ डिजाइन की कोर्स की डिग्री भी दे दी गई...4 साल बाद अजय सिंह ने दुबई में नौकरी के लिए एप्लाई किया और उसकी नौकरी भी दुबई की एक कंपनी में लग गई,अजय सिंह अपनी डिग्री वैरीफाई कराने सचिवालय उच्च शिक्षा विभाग के दफ्तर पहुंचा तो पहले तो अधिकारी उसे घुमाते रहे लेकिन बाद में अधिकारियों ने बताया कि जो डिग्री उसने ली है उसकी मान्याता ही मणिपाल यूनिवर्सिटी के पास नहीं है लिहाजा वो उस डिग्री को वैरीफाई नहीं कर सकते इन सब के बाद अजय सिंह की डिग्री वैरीफाई नहीं हो पाई और दुबई में लगी जॉब भी उसके हाथ से चली गई.
छात्र की शिकायत पर उच्च शिक्षा विभाग ने लिखा यूनिवर्सिटी को पत्र
31-05-22 को मणिपाल यूनिवर्सिटी को लिखा पत्र
लेकिन यूनिवर्सिटी की ओर से नही दिया गया पत्र का कोई जबाब
ऐसे में विभाग की ओर से फिर भेजा गया दूसरा पत्र
दूसरे पत्र का भी जबाब नहीं आने पर विभाग ने बनाई तीन सदस्यीय जांच कमेटी
जांच कमेटी को इस संबध में एक महीने में सौंपनी थी अपनी रिपोर्ट
लेकिन कई माह बीत जाने के बाद भी जांच कमेटी ने नहीं सौंपी अपनी रिपोर्ट
लिहाजा छात्र आज भी अपने भविष्य की लगा रहा गुहार
आखिर क्या कारण रहे की आज तक नहीं हो पाई कोई कार्यवाई
मामले को लेकर अजय सिंह ने उच्च् शिक्षा विभाग में मणिपाल यूनिवर्सिटी को लेकर शिकायत की जिस पर उच्च शिक्षा विभाग की ओर से मणिपाल यूनिवर्सिटी को दिनाक 31-05-22 को एक पत्र जारी किया जिसमें विना अनुमति के वैचलर ऑफ डिजाइन कोर्स संचालित करने के संबध में स्पष्टीकरण मांगा गया,लेकिन समय निकल जाने के बाद भी यूनिवर्सिटी की ओर से कोई जबाब विभाग को नहीं मिला जिसके बाद उच्च शिक्षा विभाग की ओर से दिनांक 1-07-22 को एक और पत्र जारी किया गया लेकिन यूनिवर्सिटी की ओर से दूसरे पत्र का भी कोई जबाब नहीं दिया गया जिस पर उच्च शिक्षा विभाग ने इस मामले की जांच के लिए दिनाक 10-07-22 को तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया और इस कमेटी को एक माह में इस पूरे मामले की रिपोर्ट विभाग को सौंपनी थी लेकिन जांच कमेटी भी पूरी तरह से खोखली निकली और आज दिनांक तक ना जांच कमेटी ने इसकी रिपोर्ट दी और ना ही विभाग को कोई जानकारी लिहाजा छात्र के साथ आज तक न्याय नहीं हुआ.
जिस पाठ्यक्रम की मान्यता मणिपाल य़ूनिवर्सिटी के पास है ही नहीं उसके बाद भी मणिपाल यूनिवर्सिटी इस पाठ्यक्रम में बच्चो के दाखिले लेकर उन्हे फर्जी डिग्री बांट रही है लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि विभाग के अधिकरियों को पता होने के बाद भी इस यूनिवर्सिटी के खिलाफ किसी भी प्रकार का कोई एक्शन नहीं हुआ.