एग्जाम को लेकर डिप्रेशन में थी MBBS स्टूडेंट, पिता ने कहा - काउंसलिंग होती तो बच जाती, पहले हिंदी मीडियम में पढ़ी, अब पूरा सिलेबस इंग्लिश

एग्जाम को लेकर डिप्रेशन में थी MBBS स्टूडेंट, पिता ने कहा - काउंसलिंग होती तो बच जाती, पहले हिंदी मीडियम में पढ़ी, अब पूरा सिलेबस इंग्लिश

डूंगरपुर: डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज के छठी मंजिल से कूदकर खुदकुशी करने वाली एमबीबीएस स्टूडेंट डिप्रेशन में थी. एग्जाम और पढ़ाई को लेकर तनाव के चलते उसने छलांग लगा दी. हिंदी मीडियम की छात्रा एमबीबीएस में इंग्लिश सिलेबस की वजह से भी ज्यादा तनाव में आ गई थी. वही पिता ने कहा डिप्रेशन को लेकर उसकी काउंसिलिंग हो जाती तो बच जाती. 

डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज के छठी मंजिल से कूदकर एमबीबीएस फर्स्ट ईयर की छात्रा सुधांशी सिंह (21) पुत्रीअल्बेल सिंह जाटव निवासी विजयनगर भरतपुर ने खुदकुशी कर ली. सुधांशी सिंह के हथेली पर "आज के बाद मैं कोई गलती नही करूंगी माई प्रॉमिस मां -पापा, भाई और रोहित" लिखा हुआ था. शव को डूंगरपुर अस्पताल के मोर्चरी में रखवाया गया था. भरतपुर से आज गुरुवार को पिता अल्बेल सिंह जाटव, अंकल समेत परिवार के लोग पहुंचे. 

पिता अल्बेल सिंह एक प्राइवेट स्कूल टीचर है. अलबेल सिंह बताते है की उनकी बेटी सुधांशी हमेशा से पढ़ने में होशियार थी. वह हिंदी मीडियम में पढ़ी है. एमबीबीएस में इंग्लिश सिलेबस के कारण भी उसे थोड़ी परेशानी हो रही थी. जिस वजह से वह बीच में ही एमबीबीएस छोड़ना चाहती थी. लेकिन उसकी उदयपुर में काउसलिंग करवाकर फिर से रखा. परीक्षा को लेकर थोड़ा तनाव में थी. इसे लेकर हॉस्टल की छठी मंजिल से कूदकर आत्महत्या की संभावना जताई जा रही हैं. 

हालांकि पिता ने सुधांशी की मौत को लेकर और किसी दूसरे कारण को लेकर साफ मना कर दिया है. पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया है. सदर थानाधिकारी प्रभुलाल ने भी पढ़ाई को लेकर तनाव की वजह से आत्महत्या की बात बताई है. फिलहाल पुलिस घटना को लेकर जांच कर रही है.