जयपुरः जयपुर मेट्रो के दूसरे फेज की निविदा इसी साल के अंत तक जारी करने की तैयारी की जा रही है. जल्द से जल्द मौके पर दूसरे फेज का काम शुरू करने की राज्य सरकार की प्राथमिकता के चलते जयपुर मेट्रो के अधिकारियों ने इस नवंबर-दिसंबर तक निविदा जारी करने का लक्ष्य रखा है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए आखिर क्या है कवायद? जयपुर मेट्रो के दूसरे चरण में प्रहलादपुरा रिंग रोड से लेकर टोड़ी मोड़ तक 42 किलोमीटर 800 मीटर लंबे रूट पर मेट्रो ट्रेन दौड़ेगी. राज्य सरकार ने दूसरे फेज की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) मंजूर कर स्वीकृति के लिए केन्द्र सरकार को भेज दी है.
विस्तृत परियोजना रिपोर्ट में प्रस्तावित किए गए शेड्यूल के मुताबिक अगले वर्ष सितंबर में कोरिडोर व स्टेशन निर्माण की निविदा जारी किया जाना प्रस्तावित है. इसके बाद अगले वर्ष दिसंबर में मौके पर काम शुरू किया जाना प्रस्तावित है. डीपीआर के मुताबिक पूरे निर्माण कार्य में सवा चार साल का समय लगेगा. इसके बाद मेट्रो कोरिडोर की सेफ्टी ऑडिट और उसका सेफ्टी सर्टिफिकेशन जारी करने में छह महीने का और समय लेगा. इस हिसाब से वर्ष 2031 सितंबर में दूसरे फेज में मेट्रो का संचालन शुरू होगा. जल्द से जल्द मेट्रो का काम शुरू करने की राज्य सरकार की प्राथमिकता के चलते यह कवायद की जा रही है कि इस वर्ष अंत तक नवंबर या दिसंबर में दूसरे फेज की निविदा जारी कर दी जाए. इसके बाद अगले वर्ष मार्च तक मौके पर काम शुरू कर दिया जाए. आपको बताते हैं कि यह लक्ष्य किस तरह से पूरा किए जाने की है कवायद--
-केन्द्र सरकार से डीपीआर की मंजूरी में चार से पांच महीने का समय लगना अनुमानित है
-जयपुर मेट्रो की कवायद है कि इस दौरान टैंडर डॉक्यूमेंट को तैयार कर लिया जाए
-ताकि टैंडर डॉक्यूमेंट में लगने वाले दो-तीन महीने के समय की बचत की जा सके
-दूसरे फेज का क्रियान्वयन राज्य व केन्द्र सरकार की संयुक्त कंपनी राजस्थान मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन की ओर से किया जाना है
-इस कंपनी में निदेशकों की औपचारिक नियुक्ति के बाद टैंडर डॉक्यूमेंट तैयार करने का काम गति पकड़ेगा
-टैंडर डॉक्यूमेंट तैयार करने के लिए डिटेल्ड डिजाइन कंसलटैंट (DDC)व जनरल कंसलटैंट्स (GC)की नियुक्ति की जाएगी
-DDC की ओर से कोरिडोर व स्टेशन की स्ट्रक्चरल डिजाइन तैयार की जाएगी
-जबकि GC पूरे निर्माण कार्य सुपर विजन करेगा
-मेट्रो अधिकारियों की कवायद है कि केन्द्र की मंजूरी मिलने तक टैंडर डॉक्यूमेंट भी तैयार कर लिया जाए
-ताकि निविदा जारी करने में देरी नहीं हो
जयपुर मेट्रो के दूसरे चरण की लागत 12 हजार 260 करोड़ रुपए है. इस लागत राशि का साठ फीसदी का ऋण लिया जाएगा. शेष बीस-बीस फीसदी राज्य सरकार और केन्द्र सरकार वहन करेंगे. ऋण की स्वीकृति प्रक्रिया में भी लंबा समय लगता है. आपको बताते हैं कि ऐसे में किस तरह जल्द निविदा जारी करने की कवायद है.
-मेट्रो जैसे बड़े इन्फ्रा स्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए एशियन डवलपमेंट बैंक (एडीबी), एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी)
-और जाइका (जापान इंटरनेशनल कॉओपरेशन एजेंसी) आदि अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं की ओर से ऋण दिया जाता है
-इनमें से एडीबी और एआईआईबी की ओर से ऋण देने पर सैद्धांतिक सहमति जताई गई है
-एडीबी के परियोजना निदेशक व वरिष्ठ अधिकारी 5 जून को राज्य सरकार व मेट्रो अधिकारियों से मामले में चर्चा करेंगे
-जयपुर मेट्रो के दूसरे फेज के लिए जिस संस्था से ऋण लिया जाएगा
-उस संस्था का चयन केन्द्र सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ इकॉनोमिक अफेयर्स (DEA)की ओर से किया जाएगा
-DEA की ओर से संस्था का चयन होते ही जयपुर मेट्रो की ओर से निविदा जारी की जा सकेगी
-रेट्रो एक्टिव फाइनेंस की सुविधा के तहत ऋण स्वीकृति की संपूर्ण प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही निविदा जारी की जा सकेगी
-चयनित संस्था के मुताबिक प्रोक्योरमेंट गाइडलाइंस के आधार पर निविदा जारी की जा सकेगी
-निविदा जारी कर ऋण की राशि का तीस फीसदी तक काम राजस्थान मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन करा सकेगा
-ऋण स्वीकृत होने के बाद इस तीस फीसदी राशि का ऋण देने वाली संस्था पुनर्भरण कर सकेगी