200 फीट गहरी खदान में गिरने से अधेड़ की मौत, सिविल डिफेंस सीकर के गोताखोरों ने 3 घंटे की कड़ी मस्कत के बाद निकला शव

200 फीट गहरी खदान में गिरने से अधेड़ की मौत, सिविल डिफेंस सीकर के गोताखोरों ने 3 घंटे की कड़ी मस्कत के बाद निकला शव

नीमकाथाना: कांकड़ की ढाणी में एक क्रेशर के पीछे स्थित गहरी खदान में भरे पानी में करीब 55 साल के व्यक्ति के डूबने से मौत हो गई. सिविल डिफेंस सीकर के गोताखोर ने 3 घंटे की कड़ी मस्कत के बाद मृतक का शव निकल गया. इस दौरान पाटन तहसीलदार मुनेश कुमार, पाटन एसएचओ इंद्राज सिंह, नीमकाथाना माइनिंग अधिकारी अमित चंद मौजूद रहे. गौरतलब है कि कल आसपास के लोगों ने खान के मुहाने पर कपड़े, मोबाइल पड़े देखा तो उन्होंने क्रेशर मालिक को सूचना दी. 

जिसने पाटन पुलिस को सूचित किया. अधेड़ इसी क्रेशर के मालिक प्रेम पंडित का ही भाई था. जबकि खान का मालिक कोई और है. यह जय दुर्गा खान दो साल से बंद पड़ी है. करीब 200 फीट गहरी इस पत्थर खदान में लगभग 70 फीट पानी भरा है. अधेड़ व्यक्ति डाबला निवासी सुरेंद्र शर्मा पुत्र फूलचंद है और वह शादीशुदा था. अंधेरा घिर आने के कारण कल रेसक्यू नहीं किया जा सका. फिर भी ग्रामीणों ने कुछ नीचे उतर कर टार्च की रोशनी से पानी में शव तलाशने का प्रयास भी किया मगर अंधेरा घिर आने व बचाव उपकरण नहीं होने से रेस्क्यू रोक दिया गया. 

रात करीब 9.30 बजे पुलिस व प्रशासनिक अमला लौट आया. हादसे की सूचना खान विभाग को भी दी गई. जानकारी के अनुसार सुरेंद्र शर्मा कल शाम चार-पांच बजे अपने भाई प्रेमचंद्र शर्मा की खान पर पहुंचा और वहां क्रेशर पर काम करनेवाले मुनीम रमेश से 1000 रुपए मांगे.  मुनीम ने मालिक प्रेम पंडित को फोन किया.उसने मुनीम को पैसे देने को कहा. शायद इस बात से सुरेंद्र नाराज हो गया और बिना पैसे लिए पीछे स्थित खान की तरफ चला गया. खान के पास से ही रास्ता गुजरता है. 

उसे वहां बैठे हुए आसपास काम करनेवाले  कर्मचारियों व लोगों ने देखा भी पर आधा घंटे बाद वह नजर नहीं आया और खान के किनारे उसके कपड़े व मोबाइल पड़ा नजर आया.इस पर उसके खदान में गिरने या कूदने का शक हुआ. इधर इतनी गहरी खदान के बावजूद सुरक्षा के लिहाज से कोई बंदोबस्त नहीं हैं. शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों सौंपा.