जयपुर : माइंस विभाग की बकाया-ब्याजमाफी की एमनेस्टी योजना के प्रभावी क्रियान्वयन व नियमित मॉनिटरिंग के लिए खान विभाग के अतिरिक्त निदेशकों को जोनल स्तर पर नोडल अधिकारी बनाते हुए जिम्मेदारी सौंपी गई है. खान एवं पेट्रोलियम विभाग के प्रमुख शासन सचिव टी. रविकान्त ने अतिरिक्त निदेशकों की अध्यक्षता में जोनल कमेटियों का गठन किया गया है.
खान विभाग के प्रमुख सचिव टी रविकांत ने बताया कि इस कमेटी में जोन के सभी अधीक्षण खनि अभियंता वृत, जोन के सभी खनि अभियंता और सहायक खनि अभियंताओं के साथ ही खनन पट्टाधारियों के संगठन के प्रतिनिधि को सदस्य बनाया गया है. इसमें खासबात यह है कि खनन पट्टाधारियों के संगठन के पदाधिकारी की भी भागीदारी तय की गई है. प्रमुख सचिव टी. रविकान्त ने बताया कि एमनेस्टी योजना के प्रभावी क्रियान्वयन व प्रावधानों की विस्तार से जानकारी देने के लिए कार्यशालाएं आयोजित की जाएगी. इसके साथ ही संबंधित बकायादारों से व्यक्तिगत समन्वय स्थापित किया जाएगा ताकि बकाया राजस्व की वसूली हो सकें.
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री एवं खान मंत्री भजन लाल शर्मा ने विभागीय एमनेस्टी योजना लागू करने की आवश्यकता प्रतिपादित करते हुए कहा कि इस योजना से राज्य सरकार के बकाया राजस्व की वसूली हो सकेगी. साथ ही वसूली प्रयासों में लगने वाले अनावश्यक समय व धन की बचत होने से वसूली कार्य में नियोजित मानव संसाधन का प्रोडक्टिव कार्यों में उपयोग होगा. रविकान्त ने बताया कि माइंस विभाग की एमनेस्टी योजना अप्रधान खनिजों के खनन पट्टों, क्वारी लाइसेंसों, बजरी हेतु जारी अस्थाई कार्यानुमति के स्थिर भाटक/रेंट, अधिशुल्क, अधिक अधिशुल्क, शास्ति, आरसीसी, ईआरसीसी ठेकों की बकाया, परमिट, एसटीपी एवं निर्माण विभाग के ठेकेदारों की बकाया, अन्य विभागीय बकाया के 31 मार्च, 2023 तक के प्रकरणों पर लागू की गई है. विभागीय एमनेस्टी योजना 31 मार्च, 2025 तक प्रभावी रहेगी.
एमनेस्टी योजना में ब्याजमाफी के साथ ही बकाया अवधि के अनुसार अलग-अलग स्लेब में मूल राशि में अधिकतम 90 प्रतिशत तक की राहत दी गई है. योजना के प्रावधानों के अनुसार निर्धारित राशि योजना अवधि में जमा कराने पर ही योजना प्रावधानों का लाभ प्राप्त किया जा सकेगा. निदेशक माइंस भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि एक मोटे अनुमान के अनुसार एमनेस्टी योजना में इस तरह के करीब 2900 प्रकरण आने की संभावना है. उन्होंने बताया कि जोनल अतिरिक्तपाएगीशक माइंस को जोन स्तर पर नोडल अधिकारी बनाने से योजना का क्रियान्वयन और कारगर मॉनिटरिंग संभव हो पाएगी.