खान विभाग द्वारा 7456 करोड़ 74 लाख रुपए का सर्वकालिक रिकॉर्ड राजस्व अर्जित, गत वित्तीय वर्ष की तुलना में हुई बढ़ोतरी, देखिए खास रिपोर्ट

जयपुरः राज्य के खान विभाग ने राजस्व अर्जन में सर्वकालिक कीर्तिमान स्थापित किया है. खनन निदेशक भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि 31 मार्च को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में आरंभिक सूचना के अनुसार माइंस विभाग द्वारा 7456 करोड़ 74 लाख रुपए का रेकार्ड राजस्व अर्जित किया गया है. उन्होंने बताया कि यह अब तक का किसी एक वित्तीय वर्ष का सर्वाधिक राजस्व अर्जन होने के साथ ही गत वित्तीय वर्ष 2022-23 से 243 करोड़ रु. से भी अधिक है.

खनन राजस्व अर्जन में टॉप 10 कार्यालय
सोजत, झुंझुनू, बालेसर, ब्यावर, टोंक, कोटपूतली
प्रतापगढ़, डूंगरपुर, जयपुर और अलवर कार्यालय
सभी समय से पहले 100 फीसदी से ज्यादा कर चुके अर्जित
20  मार्च से पहले की कर लिया आंकड़ा पार
खनन निदेशक भगवती प्रसाद कलाल ने थपथपाई पीठ

खान विभाग के निदेशक भगवती प्रसाद कलाल ने रिकार्ड राजस्व अर्जन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के मार्गदर्शन में और खान सचिव आनंदी के नेतृत्व में यह राज्य सरकार की पारदर्शी कार्यप्रणाली, प्रभावी मॉनिटरिंग, टीम भावना और समन्वित प्रयासों का परिणाम रहा है. उन्होंने राजस्व अर्जन के सर्वकालिक कीर्तिमान स्थापित करने के लिए  विभाग के अधिकारियों व कार्मिकों को बधाई दी है. दरअसल खान सचिव आनंदी के स्वयं के स्तर पर और निदेशक भगवती प्रसाद कलाल के साथ निरंतर मॉनिटरिंग, हौशला अफजाई और टीम भावना से काम करने से विभाग द्वारा यह विशेष उपलब्धि अर्जित की जा सकी है. मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के वैध खनन को बढ़ावा देने और अवैध खनन पर प्रभावी कार्रवाई के निर्देश पर विभाग ने उल्लेखनीय उपलब्धि अर्जित की है। विभाग द्वारा राजस्व छीजत पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए अवैध खनन, परिवहन व भण्डारण पर रोक के लिए जहां अभियान चलाकर कार्रवाई की वहीं, वैध खनन को प्रोत्साहित करने के लिए माइनर और मेजर मिनरल्स की ई नीलामी का भी नया रेकार्ड बनाया है। उन्होंने बताया कि गत वित्तीय वर्ष के 7213 करोड़ रु. के राजस्व अर्जन के विरुद्ध दो दिन पूर्व 31 मार्च को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में 7456 करोड़ 74 लाख का राजस्व अर्जित किया है. आरएसएमईटी, एमएमईटी और डीएमएफटी में जमा राशि इसके अतिरिक्त है। खनन राजस्व अर्जित करने के मामले में खान विभाग के सोजत, झुंझुनू, बालेसर, ब्यावर, टोंक, कोटपूतली, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, जयपुर और अलवर कार्यालय सबसे आगे रहे हैं. खनन निदेशक भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि इन सभी 10 कार्यालयों ने 20 मार्च से पहले ही वित्त वर्ष के राजस्व लक्ष्य शपथ प्रतिशत अर्जित कर लिए थे और 31 मार्च आते आते यह वार्षिक राजस्व लक्षण से 5 से 10 फीसदी आगे रहे है. उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल में खान विभाग के राजस्व संग्रहण में उत्तरोत्तर बढ़ोतरी हुई है. 2019-20 में 4579 करोड़ 09 लाख रु., 2020-21 में 4966 करोड़ 39 लाख रु, 2021-22 में 6395 करोड़ 15 लाख रु, 2022-23 में 7211 करोड़ 69 लाख रु. और अब 7456 करोड़ 74 लाख का राजस्व संग्रहित हुआ है. हालांकि लक्ष्य 8500 करोड रुपए था लेकिन पहले विधानसभा चुनाव की आचार संहिता और अब लोकसभा चुनाव के आचार संहिता के चलते लक्ष्य का करीब 87 फीसदी ही अर्जित किया है. उन्होंने बताया कि प्रदेश के माइनर व मेजर ब्लॉकों की प्रीमियम दरों पर नीलामी होने लगी है जो शुभ संकेत है.