जयपुर : चिकित्सा विभाग के कर्मचारी-अधिकारियों की कार्यकुशला बढ़ाने की दिशा में बड़ी पहल शुरू की गई है. राष्ट्रीय कार्यक्रम मिशन कर्मयोगी के तहत कैपेसिटी बिल्डिंग के लिए स्वास्थ्य विभाग के कार्मिक के रजिस्ट्रेशन शुरु हो चुके है. मिशन के तहत 25 हजार से अधिक ऑनलाइन कोर्सेस में कार्मिक अपने इंट्रेस्ट के अनुसार कोई भी कोर्स कर सकता है. आखिर मिशन कर्मयोगी के पिछे क्या है मंशा.
केन्द्र सरकार द्वारा राजकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों के क्षमता संवर्द्धन के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम मिशन कर्मयोगी संचालित किया जा रहा है. मिशन कर्मयोगी वेबसाइट और एप के तहत विभिन्न प्रकार के 25 हजार से अधिक ऑनलाइन कोर्सेज तैयार किए गए हैं. जिन्हें कर्मचारी और अधिकारी राजकीय सेवा के साथ-साथ इन कोर्सेज को ऑनलाइन भी कर सकते हैं. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने अपने कार्मिकों को इस कार्यक्रम की जानकारी देने के साथ ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर अपने कोर्स चयन करने को कहा है.
एनएचएम के अतिरिक्त मिशन निदेशक अरूण कुमार गर्ग ने बताया कि राष्ट्रीय कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कैपेसिटी बिल्डिंग है. उन्होंने बताया कि इसमें पहले ट्रैनिंग की जाती है और उसके बाद एक एग्जाम भी होता है. उन्होंने बताया कि तकनीक बेस्ड गवर्नेंस बढ गई है इस लिहाज से कर्मचारी अपने इंट्रेस्ट के अनुसार कोर्सेस चुनकर अपनी स्किल को बढा सकते हैं. गर्ग ने बताया कि एक ही तरह का काम कर कर के कर्मचारियों और अधिकारियों में जड़ता आ जाती है. ऐसे में इस प्रकार के कोर्सेस कर के कर्मचारियों में कैपेसिटी बिल्डिंग की कोशिश हैं.
केन्द्र की कोशिश है कि इस कार्यक्रम से सरकारी अधिकारी कर्मचारी लगातार सीखेंगे और आगे बढ़ेंगे. मिशन कर्मयोगी का उद्देश्य सभी कार्मिक को अपनी भूमिकाओं के लिए आवश्यक दक्षताओं को लगातार बनाने और मजबूत करने का अवसर उपलब्ध कराना है. अधिकारियों के बीच शिक्षण सामग्री तक समान पहुंच प्रदान करके,तकनीक के उपयोग के माध्यम से क्षमता निर्माण उपलब्ध होगा.