नई दिल्लीः दिल्ली में जहरीली हो रही हवा ने अब लोगों का सांस लेना दुष्वार कर दिया है. बढ़ते पॉल्यूशन के बीच हर एक दिन स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. जिसने लोगों के जीवन में जहर घोल दिया है. सोमवार को दिल्ली में ऐवरेज एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 470 दर्ज किया गया. यह वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) की पॉल्यूशन की लिमिट से 20 गुना ज्यादा है. WHO के मुताबिक 0 से 50 के बीच का AQI को सुरक्षित माना गया है.
ऐसे में अब दिल्ली सरकार ने इस पर गंभीरता दिखाते हुए आज हाई लेवल मीटिंग आयोजित की है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हो रही मीटिंग में दिल्ली के मंत्री गोपाल राय, आतिशी, सौरभ भारद्वाज और अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद हैं. इस बैठक में ऑफिस कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम करने पर फैसला हो सकता है. इसके अलावा उम्मीद की जा रही है कि सरकार स्कूल व्यवस्था को लेकर भी कोई अहम फैसला ले सकती है.
खराब एयर क्वालिटी देगी बीमारियों का बुलावाः
दिल्ली AIIMS के डिपार्टमेंट ऑफ मेडिसिन के एडिशनल प्रोफेसर डॉ पीयूष रंजन ने बताया कि खराब एयर क्वालिटी से अलग-अलग तरह के कैंसर होने का खतरा रहता है. इसके अलावा भी अन्य बीमारियों का बुलावा है. वैज्ञानिकों का दावा है कि वायु प्रदूषण रेस्पिरेटरी सिस्टम को नुकसान पहुंचाने के साथ हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक को बढ़ावा देता है.
पड़ोसी राज्यों की मार झेल रही दिल्लीः
वहीं दिल्ली सरकार ने आरोप लगाया हैं कि राज्य पड़ोसी यूपी और हरियाणा के प्रदूषण की मार दिल्ली झेल रहा है. दिल्ली में जनरेटर सेट नहीं है. यहां उससे धुआं नहीं फैलता है लेकिन यूपी-हरियाणा में इस पर रोक नहीं लगाई गई है. दिल्ली सरकार का आरोप है कि पड़ोसी राज्यों से पराली का धुआं दिल्ली की हवा खराब रही है.
बढ़ते प्रदूषण को लेकर दिल्ली में GRAP का चौथा स्टेज लागू कर दिया गया है. इसके तहत कॉमर्शियल गाड़ियों की एंट्री पर रोक लग गई है. सब्जी, फल, दवा जैसी जरूरी सामान की आपूर्ति करने वाले, CNG और इलेक्ट्रिक ट्रकों को छोड़कर बाकी ट्रकों की आवाजाही को प्रतिबंधित कर दिया गया है.