भारत में अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे ‘सर्कस’ को बढ़ावा देने की जरूरत : मुख्तार अब्बास नकवी

नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बृहस्पतिवार को कहा कि मनोरंजन के विभिन्न माध्यमों की उपलब्धता से सर्कस उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है और इसका संरक्षण एवं प्रचार समय की जरूरत है क्योंकि यह कई कलाकारों के लिए रोजगार का स्रोत रहा है.

नकवी ने ‘अंतरराष्ट्रीय सर्कस महोत्सव’ के उद्घाटन के अवसर पर एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि शहरों और गांवों में लोकप्रिय सर्कस अब अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा है. उन्होंने कहा कि वर्तमान डिजिटल युग में मनोरंजन के असंख्य माध्यमों की उपलब्धता से देश में सर्कस उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा कोविड महामारी और लॉकडाउन के कारण उद्योग को भारी नुकसान हुआ है लेकिन भारत में सर्कस का अपना आकर्षण है. 

उन्होंने कहा कि सर्कस न केवल मनोरंजन का माध्यम है बल्कि यह बड़े पैमाने पर कलाकारों और अन्य लोगों के लिए रोजगार का स्रोत भी रहा है. नकवी ने कहा, ‘‘आज इन कलाकारों और अन्य लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट है. इसलिए पारंपरिक भारतीय खेलों को बढ़ावा देने के साथ-साथ सर्कस के उत्थान के लिए भी ठोस कदम उठाने की जरूरत है. सोर्स- भाषा