नेपाल में नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए मतदान जारी, चार बजे से होगी मतगणना

नेपाल में नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए मतदान जारी, चार बजे से होगी मतगणना

काठमांडू: नेपाल में नया राष्ट्रपति चुनने के लिए बृहस्पतिवार को मतदान जारी है और मतगणना चार बजे शुरू होगी. चुनाव के नतीजे प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल 'प्रचंड' के नेतृत्व वाली सरकार की स्थिरता को प्रभावित कर सकते हैं.

नेपाली कांग्रेस के रामचंद्र पौडेल और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनिफाइड मार्क्सिस्ट लेनिनिस्ट (सीपीएन-यूएमएल) के सुभाष चंद्र नेमबांग इस पद की दौड़ में शामिल हैं. यहां नया बनेश्वर स्थित संसद भवन में आज, स्थानीय समयानुसार सुबह 10 बजे मतदान शुरू हुआ.

चुनाव की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं:
पौडेल ने भरोसा जताया कि सांसद/विधायक राष्ट्रपति पद के लिए उनका चयन करेंगे. उन्होंने कहा कि मैं पूरी तरह आश्वस्त हूं कि संघीय संसद एवं प्रांतीय एसेंबली के सदस्य मुझे वोट करेंगे. मेरा मानना है कि वे मेरे लंबे संघर्ष के बारे में सही निर्णय करेंगे. मौजूदा राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी का कार्यकाल 12 मार्च को समाप्त होगा. चुनाव आयोग अपराह्न चार बजे से वोटों की गिनती शुरू करेगा और शाम सात बजे तक नतीजे घोषित कर देगा. नेपाल के चुनाव आयोग ने बुधवार को कहा था कि राष्ट्रपति चुनाव की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.

सीपीएन-यूएमएल नेपाल की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी:
राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए प्रतिनिधि सभा के दो पूर्व अध्यक्ष- पौडेल और नेमबांग आमने-सामने हैं. पौडेल प्रधानमंत्री प्रचंड के नेतृत्व वाले आठ-दलीय गठबंधन द्वारा समर्थित उम्मीदवार हैं, जबकि नेमबांग सीपीएन-यूएमएल से सम्बद्ध हैं. पौडेल (78) और नेमबांग (69) ने पिछले महीने पर्चे भरे थे. पौडेल को राष्ट्रपति पद के चुनाव में समर्थन देने को लेकर उत्पन्न राजनीतिक विवाद के बाद पूर्व प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा के नेतृत्व वाली सीपीएन-यूएमएल ने मौजूदा सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था. सीपीएन-यूएमएल नेपाल की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है.

केवल दो कार्यकाल के लिए ही चुना जा सकता है:
आठ राजनीतिक दलों के समर्थन से राष्ट्रपति चुनाव में पौडेल की जीत लगभग तय है. राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदाताओं की कुल संख्या 882 है, जिसमें संसद के 332 सदस्य और सात प्रांतों की विधानसभाओं के 550 सदस्य शामिल हैं. राष्ट्रपति के कार्यकाल की अवधि निर्वाचन की तारीख से पांच वर्ष होगी और एक व्यक्ति को इस पद पर केवल दो कार्यकाल के लिए ही चुना जा सकता है.

सभा में 14 और प्रांतीय विधानसभाओं में 28 सदस्य:
यद्यपि राष्ट्रपति का पद काफी हद तक औपचारिक है, लेकिन संविधान प्रदत्त विवेकाधीन शक्तियों के कारण नेपाल के राजनीतिक दलों में हाल के दिनों में इस पद के लिए रुचि बढ़ी है. ‘माई रिपब्लिका’ अखबार के अनुसार, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी) ने राष्ट्रपति चुनाव में तटस्थ रहने का फैसला किया है. इसके प्रतिनिधि सभा में 14 और प्रांतीय विधानसभाओं में 28 सदस्य हैं.

परिकल्पित तटस्थ भूमिका नहीं निभा सकते:
आरपीपी प्रवक्ता मोहन श्रेष्ठ के मुताबिक, पार्टी की केंद्रीय कार्यसमिति ने सर्वसम्मति से राष्ट्रपति चुनाव में तटस्थ रहने का फैसला किया है. श्रेष्ठ ने कहा कि पार्टी ने मुख्य रूप से दो कारणों से राष्ट्रपति चुनाव में तटस्थ रहने का निर्णय लिया है- पार्टी संवैधानिक राजतंत्र की वकालत करती है और इसका मानना है कि राजनीति में सक्रिय दो उम्मीदवार संविधान द्वारा परिकल्पित तटस्थ भूमिका नहीं निभा सकते हैं.

राष्ट्रपति चुनाव में भाग नहीं लेने का फैसला किया: 
अखबार ने बताया कि नेपाल वर्कर्स एंड पीजेंट्स पार्टी (एनडब्ल्यूपीपी) ने भी राष्ट्रपति चुनाव में भाग नहीं लेने का फैसला किया है. सचिव प्रेम सुवाल ने कहा कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल के विचारों में कोई बुनियादी अंतर नहीं है, लेकिन पार्टी ने राष्ट्रपति चुनाव में भाग नहीं लेने का फैसला किया है. एनडब्ल्यूपीपी के प्रतिनिधि सभा में एक और बागमती प्रांत में तीन सदस्य हैं. सोर्स-भाषा