जयपुरः अगले महीने तक प्रदेश को नया डीजीपी मिलेगा, डीजीपी के लिए जितने भी IPS अधिकारी दावेदार हैं वह सभी पुरुष अधिकारी हैं , राजस्थान पुलिस के इतिहास में आज तक कोई महिला आईपीएस अधिकारी पुलिस महानिदेशक (DGP) के पद तक नहीं पहुंच सकी है.
प्रदेश में महिला अधिकारी भले ही अलग अलग स्तरों पर बड़े पद संभाल चुकीं हैं लेकिन अभी तक किसी महिला IPS को डीजीपी बनने का मौक़ा नहीं मिला है ,जहां एक ओर राज्य की महिलाएं हर क्षेत्र में नया इतिहास रच रही हैं, वहीं राजस्थान पुलिस में शीर्ष पद पर महिला नेतृत्व की अब तक अनुपस्थिति क़सक जैसी है , राज्य में अब तक कई योग्य और वरिष्ठ महिला आईपीएस अधिकारी रही हैं, जिन्होंने जिला पुलिस अधीक्षक, रेंज आईजी, एडीजी जैसे महत्वपूर्ण पदों पर बेहतरीन सेवाएं दी हैं. फिर भी, किसी को भी पुलिस विभाग के सर्वोच्च पद—DGP की जिम्मेदारी नहीं मिली है,इस स्थिति को लेकर पुलिस महकमे के भीतर और बाहर, दोनों जगह चर्चा होती रही है .1989 बैच की आईपीएस अधिकारी नीना सिंह राजस्थान कैडर की पहली महिला अधिकारी थीं, जो डीजी रैंक तक पहुंचीं और बाद में सीआईएसएफ की डीजी बनीं, लेकिन उन्हें भी पूर्णकालिक डीजीपी नहीं बनाया गया,
अखिल भारतीय सेवा की तीन प्रमुख सेवाओं में से 2 सेवाओं में महिला अधिकारी प्रदेश में शीर्ष पद पर रह चुकी हैं, प्रदेश में 60 साल के लंबे इंतज़ार के बाद 27 फ़रवरी 2009 को पहली बार महिला मुख्य सचिव मिलीं थी जब कुशाल सिंह को यह ज़िम्मेदारी दी गई थी, उसके बाद उषा शर्मा भी प्रदेश में मुख्य सचिव रहीं हैं, इसी तरह प्रदेश के वन महकमे में भी श्रुति शर्मा हेड ऑफ़ फारेस्ट रह चुकी हैं, सिर्फ़ पुलिस महकमा ही ऐसा विभाग है जहाँ अभी तक कोई महिला आईपीएस अधिकारी शीर्ष पद तक नहीं पहुंची है,फिलहाल राजस्थान IPS कैडर में कोई महिला आईपीएस अधिकारी डीजी स्तर की नहीं है, अगले महीने ADG मालिनी अग्रवाल की DG में पदोन्नति हो सकती है, इसके बाद ADG डॉ प्रशाखा माथुर ऐसी महिला आईपीएस अधिकारी हैं जो डीजी तक पहुंचेगी, दोनों ही महिला IPS अधिकारियों के पास डीजी बनने के बाद रिटायर होने में काफ़ी समय रहेगा ऐसे में अगर सरकार चाहे तो भविष्य में प्रदेश को पहली महिला डीजी मिल सकती है.