निर्मला सीतारमण बोलीं, उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए वृद्धि का इंजन बनना जरूरी

सियोल: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए वृद्धि का इंजन बनना और दुनिया के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों के समाधान में मदद करना जरूरी है. उन्होंने यह भी कहा कि जी-20 की अध्यक्षता उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिये महत्वपूर्ण चरण में आई है. वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिये नये सिरे से स्वयं को स्थापित करने के लिये तीन साल काफी महत्वपूर्ण हैं. भारत वर्तमान में विकासशील और विकसित देशों के समूह जी-20 का अध्यक्ष है. भारत ने अध्यक्षता इंडोनेशिया से ग्रहण की और वर्ष के अंत में इसे ब्राजील को सौंप देगा. सियोल में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि भारत पर केवल सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था के तौर पर ही नहीं, बल्कि जिस तरह से इसने महामारी को संभाला है और आर्थिक पुनरुद्धार को आगे बढ़ाया है, उसके कारण भी दुनिया के देशों की नजर है.

सीतारमण एशियाई विकास बैंक (एडीबी) की वार्षिक बैठक में भाग लेने के लिये सियोल में हैं. उन्होंने कहा कि विकसित देशों में मंदी की आशंका है, वहीं उन देशों के केंद्रीय बैंक महंगाई से निपटने के लिये ब्याज दर बढ़ा रहे हैं. सीतारमण ने कहा कि ऐसी स्थिति में वैश्विक स्तर पर खासकर उभरती अर्थव्यवस्थाएं, वृद्धि को कैसे टिकाऊ बनाए रख सकती हैं, जबकि वहां आर्थिक वृद्धि के अच्छे संकेत हैं... क्या हमारे लिये उस विकास को बनाए रखना संभव है, क्या हमारे लिए उस वृद्धि को गति देना संभव है, ताकि उभरते बाजार वास्तव में विकास के इंजन बन सकें और वैश्विक संकट को हल करने में मदद कर सकें.

वित्त मंत्री ने कहा कि जी-20 तिकड़ी - इंडोनेशिया, भारत और ब्राजील - सभी उभरती हुई अर्थव्यवस्थाएं हैं और इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि दक्षिण देशों की आवाज सुनी जाए. दक्षिण शब्द (वैश्विक साउथ) अपेक्षाकृत कम विकसित देशों के लिये उपयोग किया जाता है. इसमें एशिया, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के देश शामिल हैं. उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिये खुद को नये सिरे से स्थापित करने और वैश्विक वास्तविकताओं के साथ तालमेल बैठाने के लिये तीन साल महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं.एक तरफ मंदी और दूसरी तरफ कोविड से आर्थिक पुनरुद्धार की स्थिति है.

वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि कृत्रिम मेधा, आंकड़ा विश्लेषण और ‘इंटरनेट ऑफ थिंग्स’ का व्यापक रूप से उपयोग हो रहा है. सीतारमण ने कहा कि भारत पहले ही डिजिटल भुगतान व्यवस्था, बिना आमने-सामने आये कर आकलन प्रणाली, डिजिटल आईडी का उपयोग करने के साथ तेजी से प्रौद्योगिकी का बढ़ा रहा है. उन्होंने दक्षिण कोरिया के प्रवासी भारतीयों को भारत में प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष के क्षेत्र में हो रहे विकास में शामिल होने के लिये भी आमंत्रित किया. इससे पहले, सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स के वैश्विक मुख्य वित्त अधिकारी हार्क क्यू पार्क ने एडीबी की सालाना बैठक के दौरान अलग से वित्त मंत्री से मुलाकात की. वित्त मंत्रालय ने ट्विटर पर लिखा है, दोनों के बीच भारत में नई प्रौद्योगिकी में भविष्य के निवेश चर्चा हुई. सोर्स भाषा