VIDEO: नीति आयोग की बैठक, मरुधरा की होगी बात, CM गहलोत होंगे बैठक में शामिल, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: 27 मई को दिल्ली के प्रगति मैदान में होनेवाली नीति आयोग की बैठक में सीएम गहलोत शामिल होकर राजस्थान से जुड़े मुद्दों और सरोकारों को उठाएंगे. इससे जुड़े एजेंडा बिंदुओं को सीएस के स्तर पर मंथन करके तय किया गया. इस महत्वपूर्ण बैठक में सीएस उषा शर्मा भी शामिल होंगी.

केंद्र ने राज्यों को इन मुद्दों को लेकर एक्सरसाइज करने को कहा-
विकसित भारत 2047
इसमें 2047 तक विकसित भारत के रूप में देश की क्या तस्वीरों से लेकर हर राज्य के प्रतिनिधि अपना विजन पेश करेंगे.

थ्रस्ट ऑफ MSME
इसमें नए लघु और सूक्ष्म उद्योगों को प्रोत्साहित करने और निवेश बढ़ाने की राज्य की नीतियों को लेकर विचार-विमर्श होगा.
खास तौर पर स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने को लेकर राज्यों ने क्या काम किए हैं उसका ब्योरा रखा जा सकता है.

इंफ्रास्ट्रक्चर और निवेश
इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े साधनों में किस तरह से बढ़ोतरी की गई है और निवेश बढ़ाने के क्या-क्या उपाय किए गए हैं इसे लेकर राज्यों की ओर से प्रजेंटेशन संभव

कार्य पालना का बोझ कम करना
ई गवर्नेंस के जरिए किस तरह से काम को आसान बनाया जा रहा है. इसे लेकर राज्य रखेंगे अपनी बात.
सीएस कॉन्फ्रेंस में सीएस उषा शर्मा ने पहले कार्य पालना के बोझ को कम करने के लिए दिया था प्रजेंटेशन.
इसमें खासतौर पर एमएसएमई को बढ़ावा देने की नीतियों के बारे में बताया गया.

वीमन एंपावरमेंट
इसमें राज्यों की ओर से महिला सशक्तिकरण से जुड़े कामों को बताया जाएगा.
राजस्थान सरकार की ओर से आई एम शक्ति, उड़ान सहित कई योजनाओं का सफलतापूर्वक कैसे संचालन किया जा रहा है इसे बताया जाएगा.

स्वास्थ्य और पोषण
इन दोनों अहम बिंदुओं को लेकर राजस्थान सरकार ने क्या काम किया है और इसे लेकर आंकड़ों में क्या सुधार हुआ है इसकी तस्वीर पेश की जाएगी.

स्किल डेवलपमेंट
इसमें खासतौर पर यह बताया जाएगा कि बेरोजगारी भत्ते को किस तरह से इंटर्नशिप और स्किल डेवलपमेंट के प्रोग्राम से जोड़कर युवाओं को हुनरमंद बनाने की कोशिश की गई है.

क्षेत्रीय विकास और सामाजिक इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए गति शक्ति
इसमें सामाजिक क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास और क्षेत्रीय विकास की योजनाओं के बारे में बताया जाएगा.

पूर्व में सीएस कॉन्फ्रेंस में जो मुद्दे रखे गए थे उसमें से ही प्रमुख मुद्दों के आधार पर राज्य सरकारों को अपनी बात कहने के निर्देश दिए गए हैं.