राजस्थान में अभी तक एक भी स्क्रैप सेंटर नहीं हो पाया शुरू, वाहन चालकों को नहीं मिल रही सुविधा

जयपुर: देश में वाहन स्क्रैपेज पॉलिसी को लागू हुए 1 साल से अधिक का समय पूरा हो चुका है. लेकिन राजस्थान में अभी तक एक भी स्क्रैप सेंटर शुरू नहीं हो पाया है. वाहन स्क्रैपेज सेंटर शुरू नहीं होने के कारण प्रदेश में लोगों को यह सुविधा नहीं मिल पा रही है. 

अपनी उम्र से पुराने हो चुके वाहनों को स्क्रैप कराने के लिए भारत सरकार ने पिछले साल 1 अप्रैल से देशभर में वाहन स्क्रैपेज पॉलिसी लागू की थी. लेकिन 1 साल के बाद भी इस पॉलिसी का लाभ प्रदेश के लोगों को नहीं मिल पा रहा है. देश के दूसरे राज्यों में स्क्रैप सेंटर शुरू हो चुके हैं और काफी तेजी से चलने योग्य नहीं रहे वाहनों को स्क्रैप किया जा रहा है लेकिन प्रदेश में अभी तक एक भी स्क्रैप सेंटर शुरू नहीं होना चिंता की बात है. इस पॉलिसी के शुरू होने के काफी समय तक तो प्रदेश में किसी कंपनी ने वाहन स्क्रैप सेंटर खोलने में रुचि नहीं ली थी लेकिन अब कंपनियों के रुचि लेने के बाद भी यह सेंटर शुरू नहीं हो पा रहे हैं.

परिवहन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण प्रदेश के लोगों को वाहन स्क्रैप सेंटर का लाभ नहीं मिल पा रहा है. उत्तर प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में वाहन स्क्रैप सेंटर संचालित हो रहे हैं. उन राज्यों के परिवहन विभाग ने इन सेंटरों को संचालित करने के लिए तेजी दिखाई थी और लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए आवेदकों को जल्द से जल्द सेंटर खोलने की अनुमति दी थी लेकिन प्रदेश में इसके उलट हो रहा है जयपुर में वाहन स्क्रैप सेंटर लगाने के लिए दो फर्मों ने आवेदन किया है लेकिन इनकी रिपोर्ट तैयार करने रिपोर्ट की जांच करने और अनुमति देने में परिवहन विभाग बहुत धीमी गति से काम कर रहा है. हालात इतने खराब है की आवेदन करने के महीनों बाद भी परिवहन विभाग अभी तक यह तक नहीं कर पा रहा कि जो रिपोर्ट तैयार की गई है वह अनुमति देने लायक है या नहीं. 

फर्स्ट इंडिया नहीं तो प्रदेश में वाहन स्क्रैप सेंटरों के संचालन में देरी की पड़ताल की तो सामने आया कि कंपनियों के आवेदन करने के बाद भी संबंधित अधिकारियों ने मौके का निरीक्षण करने में देरी की उसके बाद निरीक्षण रिपोर्ट बनाने में भी तय समय से अधिक समय लिया गया. अभी भी हालत यह है के दोनों शर्मा की रिपोर्ट बना ली गई है लेकिन परिवहन विभाग इस स्थिति में नहीं है कि वह वाहन स्क्रैप सेंटरों के संचालन के लिए अनुमति दे सके. परिवहन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा पुलिस के लोगों को भुगतन- पड़ रहा है वन स्क्रैप कराने के लिए प्रदेश के लोग दूसरे राज्यों का रुख कर रहे हैं. वहीं परिवहन विभाग के अधिकारियों की धीमी कार्यशैली से प्रदेश में वाहन स्क्रैप सेंटर संचालित करने के लिए अन्य फर्में में भी ज्यादा उत्साह नहीं दिखा रही है. 

अब आपको बताते हैं देश के किन राज्यों में कितने वाहन स्क्रैप सेंटर संचालित हो रहे हैं...

1- आंध्र प्रदेश में 2 वाहन स्क्रैप सेंटर संचालित हो रहे हैं

2- असम में भी दो वाहन स्कैन सेंटर संचालित हो रहे हैं

3- बिहार में तीन वाहन स्क्रैप सेंटर संचालित हो रहे हैं

4- गुजरात में पांच वाहन स्क्रैप सेंटर संचालित हो रहे हैं

5- मध्यप्रदेश में 2 वाहन स्क्रैप   सेंटर संचालित हो रहे हैं

6- उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 15 वाहन स्क्रैप सेंटर संचालित हो रहे हैं